Bihar Politics: बिहार में नई सरकार के गठन के साथ सुशील मोदी ने कार्यकाल पर क्यों उठाया सवाल

Bihar Politics बीजेपी नेता सुशील मोदी ने बुधवार को बीजेपी की कमान संभालते हुए कहा कि नीतीश की सहमति के बिना आरसीपी का केंद्र में मंत्री बनाये जाने की जो बात सामने आ रही है वो सरासर गलत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह सरकार दो-ढ़ाई साल से ज्यादा नहीं चलेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2022 7:05 PM
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बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार की सहमति के बिना आरसीपी सिंह को केंद्र में मंत्री बनाये जाने के आरोप को सफेद झूठ बताया है. बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि 2019 में नीतीश कुमार ने जदयू के अंदर किसी नाम पर सहमति नहीं होने की बात कही थी. दूसरी बार मंत्रिपरिषद विस्तार के वक्त अमित शाह ने खुद फोन किया, तो उन्होंने आरसीपी का नाम लिया. यह भी कहा था कि ललन सिंह नाराज होंगे, तो उनका ध्यान रखना पड़ेगा. अगर आरसीपी बिना पूछे मंत्री बने, तो डेढ़ साल केंद्र में मंत्री कैसे रहे. संबंध तोड़ना हो तो तोड़िए, पर झूठा प्रचार नहीं करिए. उन्होंने कहा कि नीतीश दो-ढ़ाई साल से ज्यादा किसी के साथ नहीं चल सकते. यह सरकार 2025 तक भी नहीं चलेगी.

नीतीश महत्वाकांक्षी, तोड़ सकते हैं राजद

मोदी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार के मन में उपराष्ट्रपति बनने की इच्छा थी. जदयू के कई नेताओं ने भाजपा के मंत्रियों से कहा था कि नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बना दीजिए, लेकिन जब हमारे पास उम्मीदवार और बहुमत है तो कोई क्यों बनायेगा. संभव है कि ऐसा नहीं होने पर ही नीतीश ने एनडीए का साथ छोड़ा. उन्होंने नीतीश कुमार को महत्वाकांक्षी बताते हुए राजद को भी सावधान रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद बीमार हैं और तेजस्वी जेल गये, तो मुख्यमंत्री बने रहने के लिए नीतीश राजद को भी तोड़ सकते हैं.

सहयोगी पार्टी को तोड़ने का दावा झूठा

मोदी ने जदयू के पार्टी तोड़ने के आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि शिवसेना महाराष्ट्र में हमारी सहयोगी पार्टी नहीं थी, जबकि जदयू सहयोगी पार्टी है. सहयोगी को तोड़ भी देते, तो सरकार कैसे बना लेते. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि भाजपा ने आज तक किसी को धोखा नहीं दिया है. नीतीश कुमार को हमने पांच बार बिहार का मुख्यमंत्री बनाया और 17 वर्षों के संबंध को दो बार एक झटके में तोड़ दिया.

2020 में नीतीश नहीं, नरेंद्र मोदी के नाम पर मिले वोट

उन्होंने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नाम पर नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी के नाम पर एनडीए को वोट मिले थे. अगर नीतीश के नाम पर लोगों ने वोट दिया होता, तो हमलोग 150 पार कर जाते और जदयू को केवल 43 सीटों पर नहीं जीत हासिल करती. इस चुनाव में अति पिछड़ा वर्ग के लोगों ने नरेंद्र मोदी को वोट दिया था. नीतीश कुमार ने एनडीए से बाहर जाकर बिहार का ही नहीं, अति पिछड़ा वर्ग के साथ विश्वासघात किया है. यह वर्ग आज भी मोदी के साथ है. उन्होंने कहा कि पिछली बार जब सिर्फ सीबीआइ की छापेमारी होने पर ही महागठबंधन से नाता तोड़ा था. आज तो तेजस्वी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल है और कभी भी जेल जा सकते हैं. इस मौके पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रो. अजफर शमशी, अरविंद सिंह, संतोष पाठक, प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश कुमार सिंह, अशोक भट्ट उपस्थित रहे.

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