Bihar Politics: इसे संयोग ही कहा जाए कि जदयू में शामिल होने के 72 घंटे के अंदर ही पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) बिहार में एमएलसी (Bihar MLC) बन गए. राज्यपाल कोटे से बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) के लिए मनोनीत 12 सदस्यों में से एक उपेंद्र कुशवाहा भी है. सभी नये सदस्यों ने बुधवार शाम शपथ ग्रहण कर लिया. इसके साथ ही उपेंद्र कुशवाहा के नाम एक खास रिकॉर्ड भी बन गया. वो चारों सदनों के सदस्य बनने वाले चौथे नेता हैं.
वो 2000 में पहली बार जंदाहा से ही विधायक बने, 2009 में जदयू कोटे से राज्यसभा में गए, 2014 में खुद की पार्टी रालोसपा से काराकाट सीट से जीते और केंद्र में राज्यमंत्री भी बने. बीते रविवार को रालोसपा का जदयू में विलय कर दिया. और अब 72 घंटे के अंदर ही जदयू एमएलसी भी बन गए. इस प्रकार, विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा, और विधान परिषद के सदस्य रहने वाले उपेंद्र कुशवाहा चौथे नेता हैं.
उपेंद्र कुशवाहा से से पहले ये खास रिकॉर्ड नागमणि, लालू प्रसाद यादव (राजद) और सुशील कुमार मोदी (भाजपा) के नाम है. सुशील मोदी फिलहाल राज्यसभा में सदस्य हैं. इससे पहले वो एमएलसी और बिहार के उपमुख्यमंत्री थे. अब चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा को बिहार सरकार में मंत्री भी बनाया जाएगा. अगर ऐसा होता है तो शायद यह पहली बार होगा कि दो पूर्व केंद्रीय मंत्री बिहार सरकार में मंत्री होंगे. बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन को एमएलसी बनाकर उद्योग मंत्री बनाया गया है.
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बिहार विधान परिषद के 12 नए सदस्यों की घोषणा बुधवार सुबह हुई और शाम में सभी सदस्यों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण भी कर लिया. बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सभी नए मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाई.
राज्यपाल कोटे से मनोनीत 12 नए सदस्यों में सबसे पहले बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. इनके बाद दूसरे नंबर पर खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम ने शपथ ली. ये दोनों अबतक किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे. उपेंद्र कुशवाहा ने तीसरे नंबर पर शपथ ग्रहण किया.
Posted By: Utpal kant