बिहार में मुखिया को आर्म्स लाइसेंस देने की तैयारी, पंचायत प्रतिनिधियों पर हमले को लेकर पुलिस हेडक्वार्टर गंभीर
बिहार सरकार और पुलिस हेड क्वार्टर इस बात को लेकर चिंतित है कि राज्य में पंचायत चुनाव खत्म होने के बाद नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के ऊपर जानलेवा हमलों की घटनाएं बढ़ रही है. इसको लेकर पंचायतीराज विभाग ने भी चिंता जतायी है.
पटना. बिहार में मुखिया को हथियार रखने का लाइसेंस देने की तैयारी चल रही है. बिहार सरकार और पुलिस हेड क्वार्टर इस बात को लेकर चिंतित है कि राज्य में पंचायत चुनाव खत्म होने के बाद नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के ऊपर जानलेवा हमलों की घटनाएं बढ़ रही है. इसको लेकर पंचायतीराज विभाग ने भी चिंता जतायी है.
पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि अब तक पांच मुखिया की हत्या की जा चुकी है, जो चिंता का विषय है, पंचायत चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर गृह विभाग में विस्तृत समीक्षा की है और प्रतिनिधियों की सुरक्षा बढ़ाने को लेकर भी आगे की योजना बनायी जा रही है, इतना ही नहीं मंत्री सम्राट चौधरी ने यह भी कहा है कि अगर आवश्यक हुआ तो पंचायती राज प्रतिनिधियों को आर्म्स लाइसेंस भी मुहैया कराया जाएगा.
मालूम हो कि मंत्री सम्राट चौधरी ने इस मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिए पिछले दिनों गृह विभाग को पत्र लिखा था. अब इस मामले में पुलिस मुख्यालय हरकत में आया है.
पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट तौर पर निर्देश जारी किया है कि ऐसी किसी घटना की आशंका को रोका जाये. साथ ही साथ पुलिस मुख्यालय ने यह भी फरमान जारी किया है कि अगर ऐसी कोई घटना होती है, तो मौके पर तुरंत एसएसपी या एसपी पहुंचे. पुलिस मुख्यालय ने अपने आदेश में कहा है कि अगर पंचायत प्रतिनिधियों के ऊपर कोई जानलेवा हमला होता है तो ऐसी स्थिति में तत्काल एफएसएल की टीम को मौके पर बुलाया जाए ताकि सबूतों के आधार पर दोषियों के खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जा सके.
इतना ही नहीं पुलिस मुख्यालय ने सभी एसएसपी और एसपी को निर्देश दिया है कि पंचायत प्रतिनिधियों की हत्या से जुड़े किसी भी मामले को वह खुद अपने स्तर से देखें. एक सप्ताह के अंदर घटना को लेकर पर्यवेक्षण रिपोर्ट जारी करने का भी निर्देश दिया गया है. मुख्यालय के आदेश के मुताबिक पत्र मिलने के 3 दिनों के अंदर एसएसपी और एसपी स्पेशल रिपोर्ट दो जारी करेंगे. वहीं पंचायत प्रतिनिधियों से जुड़े गैर हत्या के मामलों में पर्यवेक्षक टिप्पणी एसडीपीओ जारी करेंगे.