Bihar Primary School: अब पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चे खरीद सकेंगे पुस्तक, विभाग ने उपलब्ध कराई राशि
प्रारंभिक विद्यालयों में अध्ययनरत पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को पुस्तक क्रय के लिए राशि उपलब्ध करा दी गई है.पुस्तक खरीदने के बाद बची शेष राशि से बच्चे लेखन सामग्री खरीद सकेंगे. पुस्तक की खरीदारी के लिए मॉनीटरिंग के निर्देश भी दिये गए हैं.
दरभंगा. प्रारंभिक विद्यालयों में अध्ययनरत पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को पुस्तक क्रय के लिए शिक्षा विभाग ने मेधा सॉफ्ट पोर्टल के डाटा के अनुरुप डीबीटी सेल को राशि उपलब्ध करा दी है. अब लाभुक या उनके अभिभावक के खाते में राशि हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. सत्र 2022-23 में सरकारी एवं सहायता प्राप्त प्रारंभिक विद्यालयों में अध्ययनरत पहली से पांचवी के छात्रों को 250 रुपये प्रति छात्र की दर से राशि दी गयी है. जबकि छठी से आठवीं में अध्ययनरत छात्रों को 400 रुपये प्रति छात्र की दर से राशि उपलब्ध करायी जायेगी.
20 अगस्त के बीच पुस्तक क्रय मेला लगाने का निर्देश
पुस्तक खरीदने के बाद बची शेष राशि से बच्चे लेखन सामग्री खरीद सकेंगे.राज्य परियोजना निदेशक असंगमा चुबा आओ ने डीइओ व प्रारंभिक एवं समग्र शिक्षा अभियान के डीपीओ को विद्यालय एवं प्रखंड स्तर पर कैंप लगाकर पुस्तकों की खरीदारी सुनिश्चित कराने को कहा है. पांच से 20 अगस्त के बीच पुस्तक क्रय मेला लगाने के निर्देश दिये हैं. मेला में विद्यार्थियों अथवा उनके अभिभावक द्वारा विद्यालय अथवा प्रखंड पर जाकर पुस्तक की खरीदारी की जायेगी.
पुस्तक खरीदारी में होगी मॉनीटरिंग
निदेशक ने कहा है कि बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक निगम लिमिटेड के अधिकृत प्रकाशक अथवा स्थानीय पुस्तक विक्रेताओं द्वारा पाठ्यपुस्तक के भंडारण के लिए मांगे जाने पर आवश्यकता अनुसार प्रखंड स्तर पर एक कमरा हॉल उपलब्ध कराया जाए. पुस्तक की खरीदारी के लिए मॉनीटरिंग के निर्देश दिये हैं. सभी बच्चों के पास पुस्तक उपलब्ध होने के बाद इस आशय का प्रमाणपत्र भी मांगा है.
गांवों खरीदारी करने में हो रही परेशानी
जानकारी के मुताबिक, शहर एवं आसपास के स्कूलों के अधिकांश बच्चे विभाग से पुस्तक मद की राशि प्राप्त होने की प्रत्याशा में बुक स्टॉल से पुस्तकों की खरीदारी कर चुके हैं. अब जबकि विभाग से पुस्तक की राशि आ गई है, तो इसकी निकासी में कठिनाई की बात सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि एटीएम से राशि की निकासी नहीं हो पा रही है. जबकि सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाके की स्थिति उलट है. उन इलाकों के अधिकांश स्कूली बच्चों के पास पुस्तकें नहीं है. उन्हें विभाग से उपलब्ध करायी गयी राशि के आधार पर पुस्तकें खरीदनी पड़ेगी. राशि की निकासी में कठिनाई आई, तो पुस्तकों की खरीदारी में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
राशि बैंक खाते में ट्रांसफर की जा रही है
अप्रैल से ही शैक्षिक सत्र की शुरुआत हो चुकी है. विभागीय प्रावधान के अनुसार, विगत कुछ वर्षों से बच्चों को पाठ्यपुस्तक की राशि उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जा रही है. इस बार भी पुस्तक की राशि उपलब्ध कराने में बहुत देर हो चुकी है. करीब साढ़े चार महीने बाद राशि हस्तांतरित की गई है. जिला के 2165 सरकारी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में पढ़ने वाले 6.5 लाख बच्चों को अब पुस्तक मिल जायेगी.