पटना. बिहार के 1182 प्राइवेट आइटीआइ में पढ़ने वाले एक लाख से अधिक छात्रों का अगले सत्र से बायोमीटरिक हाजिरी बनानी होगी. जिन छात्रों की 80 फीसदी उपस्थिति नहीं होगी, उन्हें परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया जायेगा. 10 प्रतिशत बच्चों को प्राचार्य बीमारी या किसी अन्य कारणों से छूट दे सकेंगे. छात्रों की उपस्थिति पर श्रम संसाधन विभाग सख्त रहेगा. छूट देने वाने छात्रों की जानकारी आइटीआइ संचालकों को विभाग को देनी होगी.
वर्तमान में सभी निजी आइटीआइ संस्थानों में नियमित उपस्थिति की व्यवस्था नहीं है. श्रम संसाधन विभाग द्वारा सभी निजी आइटीआइ संचालकों को परीक्षा से पहले छात्रों का बायोमीटरिक उपस्थिति मांगी जायेगी. जिन केंद्रों पर छात्रों का 80 प्रतिशत से अधिक मौजूदगी क्लास में रहेगा, उन्हें परीक्षा में बैठने दिया जायेगा. इस नियम को अगले सत्र से सख्ती से पालन किया जायेगा.
आइटीआइ पर कार्रवाई करने के लिए श्रम संसाधन विभाग बार -बार निर्देश जारी करता है, लेकिन संचालकों पर कोई असर नहीं पड़ता है. अब विभाग इन संचालकों पर कड़ी कार्रवाई करेगा. इस संबंध में हाल के दिनों विभागीय स्तर पर सभी आइटीआइ संचालकों से रिपोर्ट मांगी गयी है. रिपोर्ट के आधार पर विभागीय अधिकारी सेंटर पर मानकों की जांच करेंगे.
राज्य में अब भी ऐसे कई सेंटर हैं, जो एक- दो कमरों में चलाया जा रहा है. इन सभी सेंटर को निर्देश भेजा गया है कि मानक के मुताबिक जल्द से जल्द सेंटर में छात्रों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दें. वरना चिन्हित सेंटरों पर कार्रवाई की जायेगी. वहीं सरकारी 149 आइटीआइ में छात्रों की बायोमीटरिक हाजिरी ली जा रही है. इसमें करीब 15 हजार छात्र रजिस्टर्ड हैं.
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विभागीय स्तर पर 10 प्रतिशत बच्चों का अटेंडेंस प्राचार्य छात्रों के नहीं आने पर उनको सहूलियत दे सकते हैं. यानी कोई छात्र बीमार हो गया हो या किसी भी दुर्घटना का शिकार हो गया हो. यह नियम पूर्व से है. लेकिन अब निजी संचालकों को एेसे छात्रों के संबंध में जानकरी तुरंत विभाग को भी देना होगा. इसको लेकर विभागीय स्तर पर जल्द निर्देश जारी किया जायेगा ताकि परीक्षा के समय छात्रों की उपस्थिति में बदलाव नहीं हो सकें