बिहार: लोगों में बढ़ रही फैटी लीवर की समस्या, हैरान कर रहे आंकड़े, जानें वजह व बचने के उपाय…

‍Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में लोगों में फैटी लिवर की समस्या में इजाफा हो रहा है. वहीं अगर आप सोच रहे हैं कि शराब नहीं पीने वालों को ही लिवर की बीमारी होती है, तो यह आपकी गलतफहमी है. शराब पीने वालों में एक तिहाई मरीज ही लिवर की बीमारी से ग्रसित होते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 23, 2023 11:00 AM

‍Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में लोगों में फैटी लिवर (Fatty liver) की समस्या में इजाफा हो रहा है. वहीं अगर आप सोच रहे हैं कि शराब नहीं पीने वालों को ही लिवर (Liver) की बीमारी होती है, तो यह आपकी गलतफहमी है. शराब पीने वालों में एक तिहाई मरीज ही लिवर की बीमारी से ग्रसित होते हैं, बाकी लोगों में मोटापा, थायराइड (Thyroid), डायबीटिज (Diabetes) , हार्ट (Heart) व किडनी (Kidney) की बीमारी के चलते भी लिवर सिरोसिस (Liver cirrhosis) जैसी दिक्कतें हो जाती हैं. जानकारी के अनुसार 50 लोगों की जांच में पांच लोगों को फैटी लिवर की समस्या मिल रही है. यह खुलासा राज्य व जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से आयोजित सेहत क्लिनिक रिपोर्ट में हुआ है. बता दें कि समय-समय पर समिति की ओर से जिले के महत्वपूर्ण पार्कों में सेहत क्लिनिक लगायी जाती है. जिसमें जांच कराने आये मरीजों की जांच रिपोर्ट के बाद यह आंकड़ा जारी किया गया है.

सेहत क्लीनिक में ब्लड टेस्ट

सेहत क्लीनिक में ब्लड टेस्ट (Blood test) किया जा रहा है. इसमें 40 प्रतिशत लोग मधुमेह से पीड़ित पाये जा रहे हैं. मधुमेह के बाद सबसे अधिक मामले लिवर में गड़बड़ी और फैटी लिवर के हैं. प्रत्येक 50 में पांच लोगों के सैंपल में एसजीपीटी (SGPT) और एसजीओटी (SGOT) का लेवल बढ़ा हुआ पाया गया है. इस संबंध में सेहत क्लीनिक में तैनात डॉक्टर ने बताया कि महीने में एक से दो बार कैंप (Camp) का आयोजन किया जाता है. इसमें 45-50 लोगों का मधुमेह, लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver function test) और किडनी फंक्शन टेस्ट (Kidney function test) मुफ्त में किया जाता है.

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फैटी लिवर की समस्या की यह है वजह

आइजीआइएमएस (IGIMS) के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ रवि विष्णु ने बताया कि शारीरिक परिश्रम, मोटापा, व्यायाम में कमी, पैदल नहीं चलकर वाहन से चलना, अधिक मीट-मछली और जंक फूड (Junk food) का सेवन करने से लोगों में फैटी लिवर की समस्या उत्पन्न हो रही है. फैटी लिवर इस बात को दर्शाता है कि शख्स में फैट डिपॉजिट (Fat deposit) होना शुरू हो गया है. समय पर उसे नियंत्रित नहीं किया गया तो आगे चल कर वह लिवर सिरोसिस का रूप ले सकता है. इससे बचने के लिए नियमित व्यायाम और नियंत्रित आहार लेने की जरूरत है. साथ ही समय-समय पर टेस्ट कराने की भी जरूरत है. वहीं इस मामले में सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार ने बताया है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से पार्कों में सीबीसी, डीएससी, एएलसी, लिवर एंड किडनी फंक्शन की जांच, ब्लड शुगर (Blood suger) और ब्लड प्रेशर (Blood pressure) की जांच नि:शुल्क की जा रही है. यह फैसला स्वास्थ्य विभाग ने लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए लिया है.

Published By: Sakshi Shiva

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