Loading election data...

‍Bihar: अवैध खनन को लेकर बालू घाट पर छापेमारी, खनन विभाग व एसटीएफ ने कई पोकलेन मशीन को किया क्षतिग्रस्त

Bihar के बिहटा में अवैध खनन की सूचना जिला प्रशासन के निर्देश पर जिला खनन एवं एसटीएफ की टीम के नेतृत्व में बिहटा के सोन नदी के इलाकों में छापेमारी अभियान चलाया गया. छापेमारी के दौरान दर्जनों पोकलेन मशीन को जप्त किया गया. हालांकि मौके से सभी बालू माफिया फरार होने में सफल हो गये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2022 2:53 PM
an image

Bihar के बिहटा में अवैध खनन की सूचना जिला प्रशासन के निर्देश पर जिला खनन एवं एसटीएफ की टीम के नेतृत्व में बिहटा के सोन नदी के इलाकों में छापेमारी अभियान चलाया गया. छापेमारी के दौरान दर्जनों पोकलेन मशीन को जप्त किया गया. हालांकि मौके से सभी बालू माफिया फरार होने में सफल हो गये. जब्त मशीनों को खनन विभाग एवं जिला पुलिस बलों के द्वारा मशीनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. इधर खबर करने गए स्थानीय पत्रकारों के एसटीएफ के पुलिसकर्मी एवं खनन विभाग के अधिकारी ने दुर्व्यवहार किया है. उनके बनाए गए विजुअल से खफा होकर उनका मोबाइल छीन लिया और बनाए गए वीडियो और फोटो को डिलीट कर दिया.

फोटो और वीडियो ने नहीं दी हिदायत

टीम के द्वारा वीडियो एवं फोटो नहीं बनाने की हिदायत भी दी है. खनन विभाग बौखलाया हुआ है और पत्रकारों के द्वारा बनाए गए वीडियो को अपना निशाना बना रही है जबकि जो पोकलेन जप्त किए जा रहे हैं. उसे सोन नदी से बाहर लाने के लिए खनन विभाग किसी तरह का कोई उपाय नहीं कर रही है. वहीं पर तोड़फोड़ कर छोड़ देती है. कई बार तो उसमें आग भी लगा देती है. जिसका फायदा अवैध खनन बालू खनन करने वाले माफिया उठाते हैं उसी मशीन को दोबारा बनवा कर फिर से वही पर बालू अवैध खनन में इस्तेमाल करने लगते हैं.

आक्रोशित किसानों ने किया थानाध्यक्ष का घेराव

आक्रोशित किसानों ने बिहटा थानाध्यक्ष को घेर लिया और जमकर हंगामा करने लगे. यहां तक कि थानाध्यक्ष मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. किसानों का आरोप है कि स्थानीय थानाध्यक्ष की मिली भगत से ही उपजाऊ जमीन पर कटाव अवैध तरीके से किया जा रहा है. कई बार शिकायत के बाद भी करवाई थानाप्रभारी के द्वारा नहीं किया जाता है. ज्ञात हो कि अहमदाबाद के दर्जनों किसानों ने अपनी उपजाऊ जमीन बचाने को लेकर खनन मंत्री, जिला खनन, जिला प्रशासन, सहित अन्य अधिकारियों के पास लिखित शिकायत दे चुके हैं. कार्रवाई नहीं होने के बाद से सभी किसान पुलिस प्रशासन के के प्रति काफी आक्रोशित हैं.

Exit mobile version