पटना. विधानसभा में मंगलवार को गृह विभाग के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने 139 अरब 73 करोड़ 24 लाख 62 हजार रुपये का बजट पेश किया. यह शोर-शराबे और हंगामे के बीच पास हुआ. मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2019 के जारी आंकड़ों के मुताबिक सभी आपराधिक घटनाओं में दर्ज मामलों में बिहार का देश में 25वां स्थान है.
2019 तक दर्ज मामलों की संख्या एक लाख तीन हजार 85 है. साथ ही 2019 की तुलना में इस बार पांच हजार 609 मामलों में कमी आयी है. उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि 2005 तक के जिन आंकड़ों का उल्लेख करते हुए नेता प्रतिपक्ष अपराध नियंत्रण की वकालत करते हैं. जबकि 2005 के पहले तो एफआइआर दर्ज ही नहीं हुआ करती थी.
2005 से अब तक एफआइआर दर्ज करने में 102 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही कांडों के निष्पादन में भी बेहद तेजी आयी है. बेहतर तरीके से अपराध नियंत्रण करने के लिए दोनों इकाईयों को अलग करते हुए अनुसंधान इकाई में चार हजार 775 और विधि-व्यवस्था इकाई में दो हजार 254 पुलिस पदाधिकारी तैनात किये गये हैं. उन्होंने कहा कि दो हजार पुलिस कर्मियों को साइबर अपराध से जुड़ी ट्रेनिंग दी जा रही है.
राज्य स्तर पर साइबर थाना के अलावा जिला स्तर पर साइबर यूनिट और थाना स्तर पर साइबर सेनानी का गठन किया गया है. इसके अलावा पटना के अलावा मुजफ्फरपुर एवं भागलपुर में विधि एवं विज्ञान प्रयोगशाला का गठन कर दिया गया है. जबकि नौ क्षेत्रों में ऐसी प्रयोगशाला का गठन करने की योजना है. सभी जिलों में श्वान दस्ता का गठन करने की योजना है, जिसमें 12 जिलों में अभी यह कार्यरत है. मंत्री ने कहा कि बेहतर पुलिसिंग के लिए सीसीटीएनएस, डायल-100 और आपातकाल रिस्पांस सिस्टम को विकसित किया जा रहा है.
पुलिस पदाधिकारियों की समुचित ट्रेनिंग पर भी खासतौर से ध्यान दिया जा रहा है. इंस्पेक्टर और दारोगा को सेवाकाल के दौरान दो बार पहला, सात से 10 साल तथा दूसरा, 14 से 18 साल का कार्यकाल पूरा होने पर विशेष प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने कहा कि पुलिस संसाधनों में बढ़ोतरी करते हुए इनके लिए 15 हजार बैरक और 17 हजार आवास बनाये गये हैं. पांच साल में पुलिस बल को एक हजार 266 वाहन और 746 मोटरसाइकिल मुहैया करायी गयी है.
मंत्री ने बताया कि बिहार का देश में हत्या की घटनाओं में 10वां, लूट में 12वां, अपहरण में 13वां, महिलाओं के खिलाफ अपराध में 28वां और बलात्कार में 31वां स्थान है. 2019 की तुलना 2020 में सभी तरह के आपराधिक मामलों में 4.3 प्रतिशत की कमी आयी है. वहीं, इस एक वर्ष में डकैती में 43.02 प्रतिशत, लूट में 20.7 प्रतिशत, चोरी में 12.4 प्रतिशत, चोरी में 8.60 प्रतिशत, अपहरण में 26.70 प्रतिशत, फिरौती के लिए अपहरण में 2.30 प्रतिशत और बलात्कार में 0.80 प्रतिशत की कमी आयी है. 2005 में हत्या के तीन हजार 423 मामले सामने आये थे, जबकि 2020 में तीन हजार 149 कांड दर्ज किये गये हैं.
Posted by Ashish Jha