सड़क हादसों से होने वाली मौत के मामले में बिहार देश में 9वें पायदान पर, NH पर हो रहे सबसे अधिक हादसे

Bihar news: पटना सहित राज्य के सभी प्रमुख शहरों में एफओबी बनाने के लिए स्थल चिह्नित किये जाएंगे. खास कर वैसी सड़कें, जहां से आम लोगों का आना-जाना यानी सड़क पार करना मजबूरी है, और वहां दुर्घटनाएं हो रही हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | August 29, 2022 7:50 AM

पटना: बिहार में पैदल सड़क पार करने के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पटना सहित राज्य के कई शहरों में फुटओवर ब्रिज (एफओबी) बनाये जायेंगे. परिवहन विभाग एफओबी बनाने के लिए स्थलों की पहचान करेगा, जबकि पथ निर्माण विभाग की ओर से एफओबी का निर्माण कराया जायेगा.

सड़क हादसे के मामले में बिहार देशभर में 9वें स्थान पर

राज्य में गाड़ी चलाने के अलावा पैदल पार करते समय भी सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. पहले देश में एनएच पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में बिहार की हिस्सेदारी 3.3 फीसदी थी, जो बढ़ कर 3.5 फीसदी हो गयी है. केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 में बिहार में 10007 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं. कोरोना काल वाले वर्ष 2020 में मात्र 8639 सड़क दुर्घटनाएं ही हुईं. 2019 में बिहार दुर्घटनाओं के मामले में देश में 16वें पायदान पर था, जबकि 2020 में बिहार 15वें पायदान पर आ गया. दुर्घटनाओं में होने वाली मौत के मामले में बिहार देश में नौवें पायदान पर है. बिहार में सबसे अधिक हादसे एनएचएआइ की सड़कों पर हो रहे हैं.

तेज रफ्तार के कारण 412 लोगों की गयी जान

साल 2020 में तेज रफ्तार के कारण 518 हादसे हुए, इनमें 412 लोगों की मौत हुई. कोरोना काल में कई महीने तक गाड़ियों के परिचालन पर मनाही थी. इस कारण उस वर्ष पैदल चलने वालों में 3141 लोग हादसे के शिकार हुए, जिनमें 2649 लोगों की मौत हो गयी. दो पहिया चालकों में 2890 लोग हादसे के शिकार हुए, जिनमें 2387 लोगों की जान गयी.

जहां पैदल सड़क पार करना मजबूरी, वहां बनेगा एफओबी

इसे देखते हुए विभाग ने तय किया है कि पटना सहित राज्य के सभी प्रमुख शहरों में एफओबी बनाने के लिए स्थल चिह्नित किये जाएं. खास कर वैसी सड़कें, जहां से आम लोगों का आना-जाना यानी सड़क पार करना मजबूरी है, और वहां दुर्घटनाएं हो रही हैं, वैसे स्थलों की पहचान की जायेगी. उम्मीद जतायी जा रही है कि राज्य में ऐसे दर्जनों स्थल हैं जहां एफओबी की नितांत आवश्यकता है. स्थल चिह्नित करने के बाद पथ निर्माण विभाग की ओर से एफओबी बनाये जायेंगे. जिला प्रशासन से भी अनुरोध किया जायेगा कि सामाजिक दायित्व के तहत सार्वजनिक उपक्रम की कंपनियों से एफओबी का निर्माण किया जाए.

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