विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का हिसाब लटकाने में जिले चार डिग्री कॉलेजों पर मान्यता खो देने का खतरा है. 18 अगस्त 2022 तक में जिला के राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय को 80.04 लाख, एमजेके कॉलेज को 9,96225, नरकटियागंज के टीपी वर्मा कॉलेज को 90.07 लाख और बगहा के पंडित उमा शंकर तिवारी,महिला महाविद्यालय को 1.18 करोड़ का उपयोगिता प्रमाण पत्र या ब्याज सहित रिफंड समय रहते नहीं देने पर विश्वविद्यालय प्रशासन के स्तर से अंजाम भुगतने की चेतावनी जारी की गयी है. इतना ही नहीं यूजीसी के अधिवक्ता ने अब लीगल नोटिस जारी कर यूसी/रिफंड का जवाब मांगा है.
उच्च शिक्षा के जानकार सूत्रों ने बताया कि ऊपर वर्णित चारों कॉलेजों को नैक मूल्यांकन की जरूरी तैयारी के साथ माइक्रो रिसर्च व सेमिनार आदि के मद में कुल 58 करोड़ 66 हजार 172 रुपये का ग्रांट जारी किया था. जिसके विरुद्ध कुल 2 करोड़ 99 लाख,24841 रुपये ग्रांट का उपयोगिता प्रमाण पत्र अथवा रिफंड नहीं सौंपने के मामले में पूरे बिहार के सैकड़ों कॉलेजों के साथ बीआरए बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के करीब 46 कॉलेजों के जिम्मे बकाया करोड़ों के अनुदान राशि के हिसाब देने में लापरवाही और उदासीनता को लेकर 18 अगस्त के बाद मान्यता रद्द हो जाने का न्यायादेश जारी हुआ है.
इस बीच एमजेके कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सुरेन्द्र केसरी ने बताया कि कॉलेज को विभिन्न यूजीसी ग्रांट मद में प्राप्त कुल एक करोड़ सात लाख,61473 में उपयोगिता देने के बाद सम्बंधित खाते में ब्याज सहित उपलब्ध राशि 46,09067 को उनके द्वारा वापस लौटा दिया गया है. बावजूद इसके उक्त ग्रांट मद में पूर्ववर्ती प्राचार्य व प्राध्यापक और लेखापालों के कार्यकाल में कुल 20 लोगों के नाम पर मात्र 9,96225 का अग्रिम शो हो रहा है. इनमें चार लोगों का स्वर्गवास हो चुका है. शेष 16 प्राचार्य, प्राध्यापक और कॉलेजकर्मी रिटायर हो चुके हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन और यूजीसी पदाधिकारी से प्राप्त निदेश के आलोक में सभी संबंधित या उनके आश्रित को नोटिस जारी की जारी है. वहीं राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेश्वर प्रसाद यादव ने बताया कि हमारे कॉलेज को प्राप्त कुल एक करोड़ 46 लाख 70639 का आवंटन संबंधित मद में व्यय किया जा चुका है. उपयोगिता प्रमाणपत्र भी यूजीसी को प्राप्त करा दिया गया है. लेकिन अक्सर वहां के पदाधिकारी का तबादला या रिटायर होने के बाद ऐसी समस्या होती है. पटना हाइकोर्ट से निर्धारित समय सीमा के अंदर उपयोगिता प्रमाण पत्र की दूसरी प्रति उपलब्ध कराने के उपाय किये जा रहे हैं.