Bihar: जमीन की रजिस्ट्री होगी आसान, सरकार खरीदार और विक्रेताओं को जल्द देगी बड़ी सुविधा, जानें पूरी बात

Bihar: जमीन की रजिस्ट्री और कागज के वेरिफिकेशन में आने वाली परेशानी जल्द ही दूर होने वाली है. बताया जा रहा है कि निबंधन कार्यालयों में दशकों से संरक्षित कर रखे गये रजिस्ट्री दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन में भाषा की पहचान को लेकर दिक्कत आ रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2023 7:16 AM

Bihar: जमीन की रजिस्ट्री और कागज के वेरिफिकेशन में आने वाली परेशानी जल्द ही दूर होने वाली है. बताया जा रहा है कि निबंधन कार्यालयों में दशकों से संरक्षित कर रखे गये रजिस्ट्री दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन में भाषा की पहचान को लेकर दिक्कत आ रही है. पुराने दस्तावेज अधिकांशत: उर्दू, फारसी और कैथी लिपि में लिखे गये हैं, जिनको समझने वाले लोग नहीं मिल रहे. इसको देखते हुए मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने जिलों को उर्दू पर्यवेक्षक व अनुवादक रखने की छूट दी है. उर्दू में स्नातक (आलिम) डिग्रीधारी को अनुवादक जबकि मास्टर (फाजिल) की डिग्री रखने वाले लोगों को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी जायेगी. आवश्यकता के मुताबिक जिलों में इनकी सेवाएं लेने का निर्णय लिया गया है.

Also Read: ‍Bihar: जमीन की रजिस्ट्री में बंद होगी धोखेबाजी, मगर नये नियम से बढ़ेगी खरीदार-विक्रेता की परेशानी
दस्तावेजों की सूची तैयार करने की मिलेगी जिम्मेदारी

अधिकारियों के मुताबिक जिला अभिलेखागार में 1800 से 1989 तक के पुराने रिकॉर्ड रखे हैं. खराब हो रहे इन दस्तावेजों की स्कैनिंग कर उनको वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है, ताकि वर्षों बाद भी लोग उसे आसानी से देख सकें. परंतु फारसी व कैथी में लिखे होने की वजह से क्रेता-विक्रेता का नाम, पता, अंचल, मौजा आदि भी ठीक ढंग से पढ़ा नहीं जा रहा. ऐसे में अनुवादक इन शब्दों को पढ़ कर उसे अपनी भाषा में लिखेंगे और सूची तैयार करेंगे. फिर पर्यवेक्षक उसकी स्क्रूटनी कर इसे अंतिम रूप से अपलोड करायेंगे.

Also Read: Bihar: जमीन की रजिस्ट्री में चल रहा खेल, मूल्य बढ़े बिना ही वसूल रहे 10 प्रतिशत अतिरिक्त राशि, समझे पूरा धंधा
सरकारी सेवानिवृत कर्मियों को मिलेगी प्राथमिकता

विभाग के मुताबिक इसमें सरकारी सेवानिवृत कर्मियों को प्राथमिकता दी जायेगी. पर्यवेक्षक को 10272 रुपये प्रतिमाह जबकि अनुवाद को प्रतिदिन 456 रुपये का पारिश्रमिक भुगतान होगा. अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में हर साल 10 से 11 लाख दस्तावेजों की स्कैनिंग कर उसको वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है. शुरुआती वर्षों में यह संख्या प्रति वर्ष तीन से पांच लाख थी, जिसे बढ़ाया गया है. अब तक करोड़ों दस्तावेज स्कैन कर अपलोड किये जा चुका है. दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन के पश्चात जहां आम लोगों को पुराने दस्तावेजों का रिकॉर्ड उपलब्ध कराने में सुविधा होगी, वहीं लोग खुद भी भूमि जानकारी कॉम कॉम पर खाता खेसरा तौजी नंबर डाल कर अपने दस्तावेज की कॉपी देख सकेंगे.

Next Article

Exit mobile version