Bihar News: रियल एस्टेट सेक्टर (real estate) के माध्यम से बड़े पैमाने पर होने वाली मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) और आतंकी वित्त पोषण की रोकथाम को लेकर केंद्रीय एजेंसियां सतर्क हुई हैं. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टमस (सीबीआइसी) के डायरेक्टर जनरल ऑफ ऑडिट ने इसको लेकर बिहार रेरा(bihar rera) को विस्तृत गाइडलाइन जारी की है.
एजेंसी ने 20 लाख रुपये या उससे अधिक सालाना टर्नओवर वाले सभी प्रॉपर्टी डीलर, मिडिलमैन या ब्रोकर को निर्देश दिया है कि वे अपने माध्यम से होने वाले सभी लेन-देन का रिकॉर्ड रखें. साथ ही संदिग्ध ट्रांजेक्शन होने पर निर्धारित समय में प्राधिकार को सूचित करें. बिहार रेरा ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर सभी रजिस्टर्ड ब्रोकरों को इसकी जानकारी दी है. मालूम हो कि पहले भी अवैध तरीके से की गयी कमाई को रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश किये जाने का खुलासा हुआ था. इस पर अंकुश लगाने के लिए कवायद शुरू की गयी है.
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सीबीआइसी के हवाले से बिहार रेरा ने प्रोपर्टी डीलर और ब्रोकरों से कहा है कि वे प्रॉपर्टी के खरीदार व बिक्री करने वालों की पूरी जानकारी रखें. सूचना देने के लिए रेरा में प्रधान अधिकारी व प्राधिकृत निदेशक चिह्नित किये जायेंगे. मनी लॉन्ड्रिंग से तात्पर्य धन की हेरा-फेरी से है. इसके माध्यम से कमाया गया काला धन सफेद होकर अपने असली मालिक के पास वैध मुद्रा के रूप में लौट आता है.
अधिकारियों ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग के लिए रियल एस्टेट क्षेत्र का इस्तेमाल होने की सबसे बड़ी वजह है कि इसमें नकद का उपयोग कर अचल संपत्ति खरीदी जा सकती है. सच्चे स्वामित्व को छिपाया जा सकता है. साथ ही यह भविष्य में बेहतर रिटर्न देने वाले सुरक्षित निवेशों में से एक है. धन शोधक परिचितों के नाम पर अचल संपत्ति की खरीद कर अपनी आय छुपाते हैं या किसी संपत्ति को अंडरवैल्यू बताकर उस पर बड़ा ऋण उठाते हैं. ऐसे तत्व संपत्ति खरीद उसका बार-बार रिवैल्यूएशन कर भाव बढ़ाते हैं और फिर संपत्ति को अधिक कीमत बेच कर उसका फायदा उठाते हैं.