बिहार: नदियों में बढ़ा उफान, संभावित बाढ़ को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने किया अलर्ट, जानें क्या दिया आदेश
बिहार में संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने विभागीय अधिकारी, एनडीआरफ, एसडीआरएफ, जिलों से आपदा प्रबंधन के सभी एडीएम को हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया.
बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ने ले उत्तर बिहार में सैकड़ों गांवों के सामने खतरा मंडरा रहा है. नदी का बहाव तेज होने से कई गांवों में कटाव तेज हो गया है. इससे गांवों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. राज्य में संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने विभागीय अधिकारी, एनडीआरफ, एसडीआरएफ, जिलों से आपदा प्रबंधन के सभी एडीएम को हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया. जिलों में तैनात अधिकारियों ने अपर मुख्य सचिव को बताया कि संभावित बाढ़ को लेकर पूरी तैयारी है.बाढ़ प्रभावित इलाकों में बाढ़ पीड़ितों को दिकालने से लेकर सभी शिविर तक पहुंचाने तक की व्यवस्था की गयी है. प्रत्यय अमृत ने कहा है कि बाढ़ से प्रभावित इलाकों में लोगों के बीच बाढ़ से पूर्व से ही जागरूकता अभियान नियमित चलाया जाये.
NDRF की एडवांस टीम हुई रवाना
बाढ़ के दौरान राहत-बचाव कार्य के लिए गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, दरभंगा, किशनगंज, सुपौल में एक-एक एडवांस टीम को भेजा गया है. वहीं, जिलों में तैनात एसडीआरएफ की टीम को बाढ़ राहत में कार्य के लिए भेजा जाने लगा है, ताकि बाढ़ पीड़ितों को निकालने और उन तक राहत पहुंचाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो. वहीं, पहले उत्तर बिहार के कई जिलों में एनडीआरफ व एसडीआरएफ की टीम स्थायी रूप से रखा गया है. जिनके पास मोटर बोट, लाइफ जैकेट सहित मेडिकल किट रखा गया है.
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बाढ़ शरण स्थलों पर रहेगी प्रसव की सुविधा
बाढ़ शरण स्थलों पर इमरजेंसी मेडिकल की सुविधा रहेगी. जहां अचानक से प्रसव पीड़ा में आयी महिलाओं का भी इलाज होगा. वहीं, स्थलों पर शुद्ध पानी, पुरुष-महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, सफाई, लाइट, नवजात का टीकाकरण, मनोवैज्ञानिक परामर्श, जांच, मच्छरदानी, छह माह से दो वर्ष तक के बच्चों के लिए विशेष भोजन सहित अन्य सुविधाएं रहेंगी. बाढ़ शरण स्थल पर अगर किसी भी व्यक्ति को इमरजेंसी मेडिकल की जरूरत होगी, तो उस मरीज को रेफर करने की व्यवस्था होगी.