बिहार: बढ़ती महंगाई में बिस्कुट खाना हुआ सस्ता तो बच्चों का आहार महंगा, कीमत में अंतर कर देगी हैरान
बिहार में लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच कुछ राहत मिली है, तो कुछ परेशानी भी बढ़ी है. बिस्कुट की कीमत में कमी आयी है, तो छोटे बच्चों का आहार महंगा हो गया है. बिस्कुट पांच रुपये प्रति पैकेट सस्ता हुआ है, जबकि छोटे बच्चों का आहार प्रति डब्बा 20 रुपये महंगा हो गया है.
बिहार में लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच कुछ राहत मिली है, तो कुछ परेशानी भी बढ़ी है. बिस्कुट की कीमत में कमी आयी है, तो छोटे बच्चों का आहार महंगा हो गया है. बिस्कुट पांच रुपये प्रति पैकेट सस्ता हुआ है, जबकि छोटे बच्चों का आहार प्रति डब्बा 20 रुपये महंगा हो गया है. मिली जानकारी के अनुसार कई कंपनियों के 300 ग्राम के बिस्कुट के दाम 45 रुपये से घटकर 40 रुपये हो गये हैं. 200 ग्राम बिस्कुट की कीमत 35 रुपये से घटकर 30 रुपये हो गयी है. इसी तरह 30 ग्राम के बिस्कुट बढ़कर 35 ग्राम हो गये है, लेकिन कीमत पांच रुपये ही है. वहीं, दूसरी ओर एफएमसीजी कंपनियाें ने छोटे बच्चों के आहार 300 ग्राम की कीमत एक माह में लगभग 20 रुपये प्रति डब्बा तक बढ़ा दी है. इसकी कीमत 264 रुपये से बढ़कर 285 रुपये हो गयी है.
राज्य में मिल्क पाउडर की कीमत में भी इजाफा हुआ है. 500 ग्राम मिल्क पाउडर की कीमत 215 रुपये बढ़कर 223 रुपये हो गयी है. इसी तरह हार्लिक्स का वजन 500 ग्राम से घटकर 400 ग्राम कर दिया है और कीमत में 10 रुपये का इजाफा कर दिया है. इसकी कीमत 199 से बढ़कर 209 रुपये हो गया है. 200 ग्राम वजन के टूथ पेस्ट की कीमत 120 रुपये से बढ़कर 125 रुपये हो गयी है. वहीं, कपड़ा धोनेवाला डिटरजेंट पाउडर 500 ग्राम की कीमत 72 रुपये से घटकर 66 रुपये हो गयी है. बढ़ती महंगाई का सबसे ज्यादा असर मध्ययवर्गीय परिवार पर पड़ रहा है.
बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेश चंद्र तलरेजा ने बताया कि पिछले दो सप्ताह से कई एफएमसीजी प्रोडक्ट्स की कीमतों में कमी आयी है. पहली बार देखा जा रहा है कि कंपनियां प्रोडक्ट्स की वजन बढ़ाने के साथ कीमत घटा रही है. इससे ग्राहकों को राहत मिली है. इसका मुख्य कारण कच्चे माल में आयी कमी है. आने वाले दिनों में अन्य प्रोडक्ट्स की कीमतों में कमी आयेगी.
रिपोर्ट: सुबोध कुमार नंदन