टूरिस्ट वे ऑफ राजगीर के निर्माण से पटना से राजगीर की दूरी 33 किलोमीटर कम हो जाएगी. 108 किलो मीटर से घटकर यह दूरी अब महज 75 किलोमीटर रह जाएगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करौटा-सालेहपुर-राजगीर पथ का हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया और पदाधिकारियों को नूरसराय से राजगीर तक प्रस्तावित पथ को ग्रीन फील्ड परियोजना के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया था.
इस सड़क के निर्माण से राजगीर तक पहुंचने में दूरी कम हो जायेगी और समय की भी बचत होगी. इसके साथ ही बख्तियारपुर-ताजपुर सड़क होते हुए वैशाली तक जाना सुगम हो जाएगा. वर्तमान में पटना से बख्तियारपुर व बिहारशरीफ होते हुए लोग 108.43 किलोमीटर का सफर पूरा कर राजगीर पहुंचते हैं. सीएम के निर्देश के बाद इसमें अब कमी होगी. सीएम ने सालेहपुर में आवश्यकता के अनुरूप एलिवेटेड पथ एवं आरओबी बनाने का भी दिशा दिया. बताते चले कि नूरसराय में रेललाइन पार करने के लिए आरओबी (रेल ओवरब्रिज) का निर्माण किया जा रहा है.
टूरिस्ट वे ऑफ राजगीर शीघ्र ही बुद्ध सर्किट का हिस्सा बनेगा. यह सर्किट कुशीनगर से वैशाली, करौटा, तेलमर, सालेहपुर, सिलाव, नानंद, नालंदा, राजगीर, गया, सारनाथ होते हुए पुन: कुशीनगर में मिल जाएगा. सूत्रों का कहना है कि जापान की टीम ने हफ्तेभर पहले सीएम से मुलाकात कर बुद्ध सर्किट के निर्माण पर विस्तृत चर्च किया था. जापान सरकार को टीम अपनी रिपोर्ट सौपेंगी. जापान सरकार के इसपर सहमति मिलने के बाद शीघ्र ही सर्किट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.
पथ निर्माण के सूत्रों का कहना है कि ‘टूरिस्ट वे ऑफ राजगीर ऐसे स्थानों से गुजरा है, जहां आबादी कम है. इसके कारण इस सड़क पर ट्रैफिक लोड भी कम है. सूत्रों का कहना है कि ‘टूरिस्ट वे ऑफ राजगीर को लेकर कई गांव से सड़क गुजरेगी. इसके कारण दर्जनभर से अधिक नये गांवों का विकास होगा. करौटा से सालेहपुर के लिए 10 मीटर चौड़ी सड़क बन रही है. सालेहपुर से राजगीर की सड़क को ग्रीनफील्ड में शामिल करने पर चर्चा हुई है.’