बिहार सरस मेला में 500 से अधिक स्टॉल पर मिलेंगे 17 राज्यों के प्रोडक्ट, संस्कृति और हस्तशिल्प की दिखेगी झलक
पटना के गांधी मैदान में 15 से 29 दिसंबर तक सरस मेले का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के 17 राज्यों से शिल्पकार और स्वरोजगार करने वाले लोग स्थानीय शैली में बने उत्पाद और व्यंजन खरीदेंगे और बेचेंगे. इस मेले का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण शिल्प एवं कौशल को प्रोत्साहन देना है.
बिहार सरस मेले की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. 15 से 29 दिसंबर तक गांधी मैदान में लगने वाले इस मेले में संस्कृति, परंपरा, खान पान और लोक कला का संगम देखने को मिलेगा. इस मेले में बिहार समेत 17 राज्यों के स्वयं सहायता समूह से जुड़े उद्यमी और शिल्पकार भाग लेंगे. वगिन बिहार के 38 जिलों से कुल 180 स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका दीदियां भी इस मेले में उपस्थित रहेंगी. मेले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे. सरस मेले का आयोजन ग्रामीण विकास विभाग के तत्वावधान में बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्धन समिति (जीविका), बिहार द्वारा किया जा रहा है. मेले में देश के विभिन्न हिस्सों से महिला शिल्पकार और उद्यमी आते हैं, जो स्थानीय शैली में बने उत्पाद और व्यंजन खरीदते और बेचने के साथ ही अपने प्रदेश की लोककला और सांकृति को भी प्रस्तुत करेंगे. सरस मेले का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण शिल्प एवं कौशल को बढ़ावा देना है. मेले में प्रवेश नि:शुल्क है. मेला सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक चलेगा.
इन राज्यों से आए हैं उद्यमी
पटना के गांधी मैदान में आयोजित होने वाले इस सरस मेला में बिहार के अलावा झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, केरल, लद्दाख, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, असम, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और मणिपुर के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं. इस मेला में सहायता समूह की महिला उद्यमियों एवं स्वरोजगारियों ने अपने उत्पादों, व्यंजनों एवं शिल्प के स्टॉल लगाये हैं.
विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम की होगी प्रस्तुति
सरस मेले में 500 से अधिक स्टालों पर शिल्प, कौशल और लोक कला का प्रदर्शन और खरीद-बिक्री होगी. इसके साथ ही जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया जाएगा. यहां प्रतिदिन विषय विशेषज्ञों की उपस्थिति में समसामयिक मुद्दों पर सेमिनार एवं परिचर्चा का भी आयोजन किया जायेगा. मुख्य सांस्कृतिक मंच पर प्रतिदिन प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा लोक गीत, लोक नृत्य, गजल, काव्य पाठ सहित कई मनमोहक प्रस्तुतियां दी जाएंगी.
किसके लिए कितने स्टॉल
सरस मेले में 500 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से लगभग 180 स्टॉल बिहार के जिलों के स्वयं सहायता समूहों के लिए हैं. दूसरे राज्यों से आये स्वयं सहायता समूहों के लिए लगभग 75 स्टॉल लगाये गये हैं. बिहार के स्वरोजगारियों के लिए करीब 50 स्टॉल लगाये गये हैं. दूसरे राज्यों के स्वरोजगार के लिए करीब 88 स्टॉल लगाये गये हैं. खाने-पीने के करीब 40 स्टॉल लगाए गए हैं. बैंकों व विभिन्न विभागों के लिए करीब 45 स्टॉल लगाये गये हैं.
सरस मेला को निगम बनाएगा जीरो वेस्ट इवेंट
सरस मेले को पटना नगर निगम जीरो वेस्ट इवेंट बनाने की तैयारी में है. इसमें निगम का प्रयास रहेगा की मेले से उत्पन्न कचरे का निष्पादन मेला परिसर में ही किया जाये. इसके लिए निगम की टीम मेले में हर रोज सूखे कचरे को जमाकर प्रोसेसिंग के लिए भेजेगी ताकि इसका फिर से उपयोग किया जा सके. वहीं गीले कचरे के लिए निगम मेला परिसर ही एक प्रोसेसिंग प्लांट लगायेगा. जिससे मेले के दौरान ही कचरे को प्रोसेस किया जा सकेगा. स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के लिए पटना नगर निगम ने यह तैयारियां की है. इसके साथ ही निगम कर्मियों की ओर से मेले में आने वाले लोगों को कचरा प्रबंधन के लिए जागरूक किया जायेगा.
गांधी मैदान में गेट चार से होगा पैदल लोगों का प्रवेश, वाहन से आने वालों के लिए गेट 05 व 10
सरस मेला में पैदल आने वाले लोग गांधी मैदान के गेट 04 से प्रवेश करेंगे. वाहन से आने वाले लोग गेट नंबर 05 और 10 से प्रवेश करेंगे. सिविल सर्जन ने मेडिकल टीम को दो शिफ्ट में तैनात रखने का निर्देश दिया है. प्रत्येक टीम में एक डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ और एम्बुलेंस होगी. कंट्रोल रूम से पूरे मेले की मॉनिटरिंग होगी. इसके साथ ही डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने नगर कार्यपालक पदाधिकारी को पूरे परिसर की नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. शौचालय और पेयजल की अच्छी सुविधा होगी. पानी का टैंकर और वाटर एटीएम भी लगाया गया है.
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