पटना. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बिहार में रोजगार का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है. इसको लेकर सरकार भी सक्रिय दिख रही है. क़ई विभागों ने वैकेंसी भी निकाली दी है और कई विभागों में वैकेंसी को लेकर तैयारी चल रही है. आइए जानते हैं किन- किन विभागों में वैकेंसी आने वाली है. वहीं, इसको लेकर सरकार को भी आर्थिक समस्या आने वाली है.
तेजस्वी यादव ने 2020 चुनाव में 10 लाख नौकरी का वादा किया था. नीतीश कुमार के साथ महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से उन्हें बार-बार 10 लाख नौकरी का वादा याद दिलाया जा रहा है. नौकरी पर सियासत भी शुरू है तो दूसरी तरफ तेजस्वी यादव ने कहा है कि हम अपना वादा हर हाल में पूरा करेंगे. युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले इसके लिए हमने काम भी शुरू कर दिया है. शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, ग्रामीण कार्य, राजस्व एवं भूमि सुधार, कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभागों में आने वाले दिनों में बंपर बहाली होना तय है क्योंकि रिक्तियों की सूची इन विभागों में तैयार हो रही है.
बता दें कि बिहार में 40000 प्रधानाध्यापकों की बहाली का फैसला एनडीए सरकार के समय ही लिया गया था तो बहाली प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसके अलावा 140000 शिक्षकों की कमी है और उसे भरने की तैयारी हो रही है. विश्वविद्यालयों में भी 12 हजार से अधिक शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों की बहाली होनी है. दूसरा जो महत्वपूर्ण विभाग है वह स्वास्थ्य विभाग और उसमें 15 हजार से 20000 रिक्तियां हैं. डॉक्टर, नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ के पदों को भरा जाएगा. साथ ही आयुष के क्षेत्र में भी बहाली होगी.
विभागों से मिली जानकारी के विभागों में रिक्त पदों पर बहाली हो सकती है. शिक्षा विभाग में 140000 शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इनमें 40000 प्रधानाध्यापक और 12000 प्रोफ़ेसर और नॉन टीचिंग स्टाफ की बहाली की जानी है. स्वास्थ्य विभाग में 20000 डॉक्टर नर्स और मेडिकल स्टाफ की रिक्तियां हैं. पुलिस विभाग की बात करें तो यहां 12000 हवलदार से लेकर इंस्पेक्टर तक की बहाली की जानी है. ग्रामीण कार्य विभाग में 10,000 इंजीनियर से लेकर चतुर्थ वर्गीय तक की रिक्तियां हैं. कृषि विभाग में 850, राजस्व एवं भूमि सुधार में 2000 अमीन, जल संसाधन में 2000, पथ निर्माण विभाग में 10000 अभियंता से चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की रिक्तियां हैं. ग्रामीण विकास विभाग, पीएचईडी, भवन निर्माण विभाग में भी काफी पद खाली हैं और इसी साल वर्षों बाद अभियंताओं की नियुक्ति भी इन विभागों में हुई है लेकिन अभी भी काफी पद खाली पड़े हैं. अभियंता के साथ अन्य पद भी इन विभागों में खाली हैं और उसकी भी रिक्तियों की सूची तैयार हो रही है.
सचिवालय के अधिकारियों के अनुसार बिहार में 5 लाख से 6 लाख पद विभागों में रिक्त पड़े हैं जिस पर सरकार चाहे तो नियुक्ति हो सकती है लेकिन सबसे बड़ी समस्या बजट की है. सभी खाली पदों पर नियुक्ति हो जाए तो सरकार का अधिकांश बजट वेतन और पेंशन में ही चला जाएगा. ऐसे अंतिम रूप से रिक्तियों की सूची आने के बाद ही स्थिति साफ होगी.