Bihar School Reopen: बिहार की सभी हाइस्कूल और उच्चतर हाइस्कूल बीते सोमवार से खुल गये हैं. कुछ स्कूलों को छोड़कर कमोबेश पढ़ाई भी शुरू हो गयी है, लेकिन लगभग 10 माह बाद शुरू हुई यह पढ़ाई महज नौंवी और 11वीं के छात्रों तक सिमट कर रह गयी है. बिहार के लाखों छात्रों के लिये स्कूल खुलने के बावजूद पढ़ाने के लिये कोई रणनीति नहीं बनी है.
बात कर रहे हैं हम इस वर्ष मैट्रिक और इंटर की परीक्षा देने वाले छात्रों की. चंद दो-चार स्कूलों को छोड़ दिया जाये, तो किसी भी स्कूल में इन्हें पढ़ाने की बात तो दूर, कोई प्लान ही नहीं है. कोरोना संकट के कारण स्कूल 15 मार्च 2020 से बंद थे. स्कूल बंदी में ही नौवीं के छात्र दसवीं ओर 11वीं के छात्र 12 में अपग्रेड कर दिये गये. इसी दौरान परीक्षा फॉर्म भर दिया गया और ये छात्र स्कूल से सेंटअप अर्थात बिन गये ही विदा हो गये.
पूरे साल स्कूल कोरोना संकट को लेकर बंद रहा, अब जब स्कूल खुला है तो मैट्रिक और इंटर की परीक्षा देने वाले छात्रों पर सेंटअप का लेबल लग गया है. अब सवाल उठता है कि जो छात्र बिना स्कूल किये, बिना प्रैक्टिकल किये परीक्षा देने जा रहे हैं उनको कम से कम प्रैक्टिकल का ज्ञान तो दिया सकता है, लेकिन ऐसी कहीं व्यवस्था नहीं है.
छात्रों को चिंता सता रही है कि उनकी वार्षिक परीक्षा आने वाली है लेकिन पढ़ाई पूरी नहीं हो पायी है. हालांकि कुछ प्रधानाध्यपकों ने कहा कि उनके स्कूल में 10वीं का क्लास चल रहा है, जो छात्र आ रहे हैं वे पढ़ रहे हैं. बता दें कि इंटर की परीक्षा 01 फरवरी से 13 फरवरी तक है तो वहीं मैट्रिक की परीक्षा 17 फरवरी से शुरू हो रही है.
Posted By: Utpal kant