Bihar School Reopening: कोरोना संकट के बीच कई माह से बंद स्कूल जाब जब चार जनवरी को खुले तो सबसे ज्यादा उपस्थिति कक्षा 9 वीं के बच्चों की रही. दसवीं के बच्चे इक्का-दुक्का ही दिखे. 11 और 12वीं के विद्यार्थियों की उपस्थिति नगण्य ही रही. दरअसल उनकी परीक्षा हो रही थीं. अधिकतर स्कूलों की औसत उपस्थिति 30 फीसदी के आसपास रही. उपस्थिति की यह तस्वीर पटना सहित प्रदेश के कई शिक्षा पदाधिकारियों से बातचीत के आधार पर साफ हुई है.
राजधानी के स्कूलों में उपस्थिति का आंकड़ा और विभाग की तरफ से तय की गयी गाइड लाइन का पालन करने की स्थिति का आकलन करने के लिए वरिष्ठ अफसरों की टीम कई स्कूलों में गयी. दूसरी हालांकि शिक्षकों की संख्या पूरी रही. विभागीय अफसरों का कहना है कि छात्राओं की उपस्थिति लड़कों की तुलना में कहीं ज्यादा थी. हालांकि दसवीं और बारहवीं के बच्चों को वाट्स ऐप पर बच्चों को सूचनरा भेजी गयी है कि वह डाउड क्लियर करने के लिए जरूर स्कूल आएं.
इधर शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से से उपस्थिति की रिपोर्ट तलब की है. सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा गया है कि वह आगामी प्रत्येक दिन की उपस्थिति का डाटा भेजेंगे. यह डाटा रोजाना शिक्षा विभाग मुख्यालय को शाम पांच बजे तक अनिवार्य तौर पर भिजवाने के लिए कहा गया है. यह जानकारी मेल और दूरभाष दोनों पर भेजी जा सकती है.
प्रदेश मुख्यालय पर एक नोडल अफसर केवल इसी बात के लिए तैनात कर दिया गया है. हालांकि विभागीय अफसरों का दावा है कि पहले दिन स्कूल खुलने की रिपोर्ट सकारात्मक रही है. विभाग ने उपस्थिति का आंकड़ा कक्षावार मांगा है.
विभागीय जानकारों के मुताबिक कई स्कूल हेडमास्टर्स ने बच्चों को बताया कि वह अपने अभिभावकों से लिखवा कर लायें. दरअसल कई बच्चे अभिभावकों से बिना लिखवाये चले आये थे. स्कूल आये बच्चों को कोविड के बारे में जागरूकता पूर्ण जानकारी दी.
Posted By: Utpal kant