नित्यानंद राय बोले- दरभंगा में ही बनेगा AIIMS, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बोले संजय झा- अब करवा ही दीजिए
उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार मिथिला के लोगों के साथ गद्दारी कर रही है, लेकिन कान खोलकर सुन ले दरभंगा में एम्स का निर्माण होकर रहेगा. इसके लिए बीजेपी को जो कुछ करना पड़ेगा करेगी और सरकार की जो मंशा है उसे किसी भी कीमत पर पूरा नहीं होने दिया जाएगा.
पटना. दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद बिहार में सियासी संग्राम छिड़ गया है. बीजेपी के नेता इसको लेकर जहां महागठबंधन की सरकार पर हमलावर हो गये हैं, वहीं महागठबंधन सरकार के मंत्री केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं. इसबीच पटना पहुंचे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव दरभंगा में एम्स के निर्माण में अडंगा लगा रहे हैं. दरभंगा में एम्स के निर्माण को लेकर सरकार की नियत साफ नहीं है, लेकिन बीजेपी मिथिला के लोगों के साथ किसी भी कीमत पर गद्दारी नहीं होने देगी. दरभंगा में एम्स बनकर रहेगा. उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार मिथिला के लोगों के साथ गद्दारी कर रही है, लेकिन कान खोलकर सुन ले दरभंगा में एम्स का निर्माण होकर रहेगा. इसके लिए बीजेपी को जो कुछ करना पड़ेगा करेगी और सरकार की जो मंशा है उसे किसी भी कीमत पर पूरा नहीं होने दिया जाएगा. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव अच्छी तरह से समझ लें मिथिला के लोगों के साथ बीजेपी गद्दारी नहीं होने देगी.
जब डीएमसीएच में काम चल रहा था तो नयी जगह पर विचार क्यों
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दरभंगा में बनने वाले एम्स को रोकने की कोशिश कर रहे हैं. जब स्वीकृति मिलने के बाद वहां कार्य प्रारंभ हो गया तो उसके ऊपर फिर से विचार क्यों किया जा रहा है. आखिर क्या कारण है कि बिहार सरकार दरभंगा में एम्स का निर्माण नहीं होने दे रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दरभंगा में एम्स में निर्माण को लेकर जब घोषणा की थी, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी की खूब सराहना की थी. कई साल बीत गये लेकिन बिहार की सरकार एम्स के निर्माण में बार-बार अडंगा लगा रही है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव आज जो आरोप लगा रहे हैं, खुद 6 विभागों के मालिक बनकर बैठे हैं. तेजस्वी यादव के पास स्वास्थ्य विभाग भी है. दरभंगा में एम्स के निर्माण को लेकर सरकार की नियत में खोंट है. बिहार की सरकार नहीं चाहती है कि दरभंगा में एम्स का निर्माण हो और मिथिला के लोगों को इसका लाभ मिले.
दस फुट गहरी जमीन में मिट्टी भर कर एम्स क्यों नहीं बनाया जा सकता
इसबीच, जदयू नेता और बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने ट्वीट कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से पूछा है कि आखिर दरभंगा की चयनित जमीन में ऐसा क्या है जो वहां एम्स का निर्माण नहीं हो सकता है. संजय झा ने लिखा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पुन: बताया है कि दरभंगा में बिहार सरकार द्वारा दी गई परती भूमि एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है. जरा राजनीति को परे रख कर सोचिएगा, आपकी इस बात पर कौन यकीन करेगा. आप जिस प्रदेश से आते हैं, वहां तो नर्मदा नदी के बीच में टापू पर दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का निर्माण कराया गया है. देश में ऐसे अनेक उदाहरण मौजूद हैं, जिनमें पहाड़ों, नदियों और अत्यंत दुर्गम स्थलों पर भी विकास की ईमारत खड़ी की गई है. आपको पता होगा कि सिंगापुर, हॉलैंड आदि का काफी बड़ा इलाका समुद्र को भर कर बसाया गया है. मिथिला के लोग हैरान हैं कि जब समुद्र को भर कर शहर बसाया जा सकता है, तब दरभंगा में आठ-दस फुट गहरी जमीन में मिट्टी भर कर एम्स क्यों नहीं बनाया जा सकता है?
जमीन को खारिज करना कहीं से तर्कसंगत नहीं
संजय झा ने कहा कि जमीन को खारिज करना तर्कसंगत नहीं है क्योंकि जिस इलाके में एम्स के लिए जमीन का चयन किया गया है उसी इलाके में दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज फंक्शनल है. उन्होंने कहा कि जब दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज बन सकता है तो एम्स क्यों नहीं बन सकता है, जबकि राज्य सरकार यह कह चुकी है कि दरभंगा एम्स के लिए बिहार सरकार ने न केवल मुफ्त जमीन दी है, बल्कि उस पर मिट्टी भराई कर उसके समतलीकरण और चहारदीवारी निर्माण के लिए 309.29 करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति भी दे दी है. इस कार्य के लिए निविदा भी आमंत्रित की जा चुकी है. आपका विभाग जब उस भूमि पर एम्स निर्माण की सहमति देगा, उसके तत्काल बाद मिट्टी भराई का काम शुरू हो जाएगा.
एम्स के लिए सबसे उपयुक्त जगह
संजय झा ने कहा कि एम्स के लिए जिस जमीन का चयन किया गया है वो सभी मानकों पर सही उतर रही है. शोभन-एकमी बाईपास के किनारे आवंटित उक्त भूमि ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर से करीब 3 किमी दूर है. नीतीश कुमार खुद बार-बार कह चुके हैं कि दरभंगा एम्स के लिए दी गई भूमि तक हाईवे से फोरलेन कनेक्टिविटी देने सहित और जो कुछ भी करना होगा, राज्य सरकार अपने संसाधनों से कराएगी. आवंटित भूमि दरभंगा एयरपोर्ट से भी मात्र 15 मिनट की दूरी पर है. इससे दरभंगा एम्स में देश-विदेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों का आना-जाना सुगम होगा. साथ ही गंभीर मरीजों को एयर एंबुलेंस के जरिये यहां लाना या यहां से बाहर ले जाना भी संभव होगा.
सब चाहते थे कि दरभंगा में भी ग्रीन फील्ड एरिया में बने एम्स
संजय झा ने कहा कि यह सच है कि बिहार सरकार ने पहली बार जब दरभंगा मेडिकल कॉलेज परिसर की भूमि देने का प्रस्ताव दिया था, तब भी केंद्र से आई टीम ने उसे ‘लो लैंड’ बताने और उसका कुछ हिस्सा रेलवे लाइन के दूसरी तरफ होने सहित कई खामियां गिनाई थीं. हम सभी जानते हैं कि देश में जो भी नये एम्स बने हैं, वे किसी अस्पताल के परिसर में नहीं, बल्कि ग्रीन फील्ड एरिया में बने हैं. ऐसे में बिहार सरकार ने दरभंगा में भी नयी जगह का चयन कर वहां एम्स बनाने का प्रस्ताव केंद्र को दिया है. अब जबकि प्रधानमंत्री जी ने यहां तक कह दिया है कि दरभंगा में एम्स खुल गया है, तो पुन: अनुरोध है कि मिथिला सहित संपूर्ण बिहार की जनता के भले के लिए आप दरभंगा एम्स का निर्माण जल्द-से-जल्द करवा ही दीजिए.