Bihar News : बिहार के जाने माने अर्थशास्त्री डॉ शैबाल गुप्ता का गुरुवार की शाम पटना के पारस अस्पताल में निधन हो गया. वे 67 वर्ष के थे. पिछले कई दिनों से गंभीर रूप से बीमार शैबाल गुप्ता को दो जनवरी को पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पिछले तीन-चार दिनों से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी. गुरुवार की सुबह से ही उनके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. शाम करीब सात बज कर पांच मिनट पर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर मनमोहन सिंह की तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा गठित इंटर मिनिस्ट्रीयल ग्रुप के सदस्य रहे शैबाल गुप्ता का पिछले तीन दशकों से भी अधिक समय तक बिहार के आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में अहम योगदान रहा. वो अपने पीछे पत्नी, बेटी-दामाद और नतिनि छोड़ गये हैं. उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को गुलबी घाट पर किया जायेगा. उनके निधन की खबर मिलते ही सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में शोक की लहर फैल गयी. डा गुप्ता लंबे समय तक आंध्र बैंक के गवर्निंग बडी के सदस्य रहे
पटना में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स खोलने में रहा खास योगदान- पटना में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर खोले जाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा था. प्रभात खबर के नियमित पाठक और कॉलम लिखने वाले डॉ गुप्ता कुछ दिनों से पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे. एक प्रख्यात समाजविज्ञानी होने के अलावा वे बड़े पैमाने पर इंस्टीट्यूशन बिल्डर के रूप में जाने-जाते थे. आद्री की स्थापना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है. सामान्य तौर पर विकास मूलक अर्थशास्त्र और खासतौर पर बिहार के विकास की चुनौतियों पर उनके योगदान ने राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर लोगों का ध्यान खींचा.
सीएम ने शोक प्रकट किया- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रसिद्ध अर्थशास्त्री , सेंटर फार इकोनोमिक पालिसी एंड पब्लिक फाइनेंस के निदेशक और आद्री के सदस्य सचिव डा शैवाल गुप्ता के निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट की है. सीएम ने अपने शोक संदेश में कहा कि शैवाल गुप्ता ने बिहार ही नहीं,देश और दुनिया की महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थानों में प्रमुख भूमिका निभायी थी. उन्होेने बिहार में वित्त आयोग के सदस्य के साथ ही कई संस्थाओं को अपने अनुभवों से लाभ पहुंचाया. बिहार के कई आर्थिक सुधारों में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा. वे आर्थिक और राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञ के तौर पर भी जाने जाते थे.उनके निधन से आर्थिक , सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र को अपूर्णीय क्षति हुई है.
Posted By : Avinish kumar mishra