बिहार में शिक्षक नियुक्ति (Bihar Teacher Recruitment) को लेकर सरकार की ओर से नयी नियमावली बनने के बाद जिले में गलत तरीके से शिक्षकों के नियोजन का मामला सामने आया हैं. मामला प्रखंड शिक्षक नियोजन समिति गायघाट से जुड़ा है. नियोजन इकाई की ओर से फरवरी- 2023 में काउंसलिंग करने और उसके बाद मार्च में नियोजन पत्र वितरण करने पर गड़बड़ी के आरोप लगाए जा रहे हैं. इससे शिक्षक अभ्यर्थियों में काफी आक्रोश है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जायेगी.
प्रखंड पंचायत प्रारंभिक शिक्षक नियोजन एवं सेवा शर्त 2008 के अनुसार शिक्षकों को नियुक्त करते हुए स्कूल भी आवंटित कर दिया गया है. आरोप है कि बिना मेधा सूची का अनुमोदन कराए ही इन शिक्षकों का नियोजन कर दिया गया है. यहां तक कि इस नियोजन से जुड़ी जानकारी वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भी नही दी गयी है. मामले में डीइओ अजय कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें नियोजन या इसमें गड़बड़ी के संबंध में लिखित शिकायत नहीं मिली है. यदि इस तरह का मामला आता है, तो जांच कर सक्षम प्राधिकार को कार्रवाई के लिए लिखा जायेगा.
परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने आरोप लगाया है कि सरकार की ओर से नयी नियमावली जारी की गई है. साथ ही य़ह भी कहा गया है कि अब नए सिरे से कोई शिक्षक नियोजन नहीं किया जाएगा. इसके बाद भी गायघाट में 50 से अधिक शिक्षकों को नियोजन पत्र वितरित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि ये अभ्यर्थी टीईटी भी उत्तीर्ण नहीं हैं. बिना मेधा सूची जारी किये और सक्षम पदाधिकारियों के अनुमोदन के यह नियुक्ति की गयी है. उन्होंने डीईओ से इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है.