बिहार सरकार के द्वारा नयी शिक्षक नियुक्ति नियमावली (Bihar Teacher Niyamawali 2023) को मंजूरी दे दी गयी है. मगर, नियमावली पास होने के 24 घंटों के अंदर ही, इसके विरोध में अभ्यर्थी और शिक्षक संघ सड़क पर उतर गए. अब इसे लेकर राज्य के 28 शिक्षक संघों ने आज एक सर्वसंघीय आपात बैठक का आवाह्न किया है. ये बैठक आज राजधानी पटना में सुबह 11 बजे से होनी है. बैठक का आयोजन पटना के भागवत नगर में NRL पेट्रोल पंप के पीछे विभा भवन में किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इसमें राज्य सरकार और शिक्षक नियुक्ति नियमावली के विरोध की रणनीति बनायी जाएगी.
बिहार सरकार में नियोजित शिक्षकों का कहना है कि 17 वर्ष से चले आ रहे नियोजन में कई खामियां थी. इसके बाद भी, इसी तर्ज पर हमारी नियुक्ति हुई. अब परीक्षा पास करके राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा. वहीं, शिक्षक संघों ने इसे छलावा करार दे दिया है. टीइटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष माकंर्डेय पाठक ने बताया कि विधानसभा चुनाव के वक्त ये वादा किया गया था कि नियोजित शिक्षकों को नियमित करते हुए सामान्य वेतनमान और सेवा शर्त दिया जाएगा. मगर सरकार अब अपने वादे से मुकर रही है.
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बताया जा रहा है कि राज्य में शिक्षक अब हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं. उनका कहा है कि इतने वर्ष सेवा लेने के बाद भी सरकार के द्वारा बीपीएससी से परीक्षा लेकर नियमित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे में कई शिक्षक संघ हड़ताल पर जाने का भी मन बना रहे हैं. ऐसे में अगर शिक्षक हड़ताल पर जाते हैं तो सबसे राज्य में शुरू होने जा रहे जाति जनगणना काम भी प्रभावित होगा. इस बीच विरोध कर रहे शिक्षकों और अभ्यर्थियों को भाजपा का भी साथ मिल गया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों और नियोजित शिक्षकों के साथ राज्य सरकार ने छलावा किया है. हालांकि, जदयू ने शिक्षा में सुधार के लिए एतिहासिक कदम बताया है.