बिहार में सियासी उलटफेर होने के बाद तेजस्वी यादव अब राज्य के नए उपमुख्यमंत्री हैं. उपमुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ज्यादा तीखे सवालों का सामना करना पड़ रहा है. सोशल मीडिया पर लोग कभी 10 लाख नौकरियां देने के वादे को लेकर सवाल पूछ रहें हैं, तो कई लोग दारोगा बहाली घोटाले को लेकर सवाल पूछ रहे हैं.
बता दें कि जब तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष थे, तो वे सरकार के खिलाफ विधानसभा से लेकर सोशल मीडिया तक हमलावर रहते थे. इन सब के बीच सोशल मीडिया पर अब तेजस्वी यादव का एक नया ट्वीट पोस्ट वायरल हो रहा है. ट्वीट वायरल होने के बाद दारोगा बहाली को लेकर आंदोलन करने वाले छात्र अब तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम बनने के बाद उनके वादे को याद दिला रहे हैं.
दरअसल, 2446 दारोगा बहाली मे पेपर लीक और धांधली सेटिंग की सीबीआई से जांच कराने के मांग को लेकर राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष छात्र नेता दिलीप कुमार के नेतृत्व में दर्जनों दारोगा अभ्यार्थी फरवरी-मार्च 2020 में पटना में लागातार आंदोलन कर रहे थे. उस दौरान तेजस्वी यादव सदन में नेता प्रतिपक्ष थे. तेजस्वी यादव ने उस दौरान आंदोलनकारी अभ्यार्थियों के समर्थन में बिहार के दोनों सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया था. जिसे उस दौरान स्वीकार नहीं किया गया था.
मामले को लेकर राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि फरवरी-मार्च 2020 में आंदोलन के दौरान उन्होंने अपनी शादी के कार्ड पर 2446 दारोगा बहाली की जांच को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था. तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष रहते हुए सोशल मीडिया पर CBI जांच की मांग का समर्थन किया था. उस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी CBI जांच की मांग से संबंधित तख्ती लेकर विधान परिषद के आगे धरना दिया था. दोनों सदनों में कार्य स्थगन का प्रस्ताव लाया गया था. जिसे उस दौरान स्वीकार नहीं किया गया था.
राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि अब तेजस्वी यादव बिहार के उपमुख्यमंत्री बन गए हैं तो उनसे अनुरोध है कि 2446 दारोगा बहाली मे पेपरलीक और धांधली-सेटिंग की CBI जांच करायी जाए, ताकि लाखों स्टूडेंट्स को न्याय मिल सके. छात्र नेता ने जांच के बाद शिक्षा माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की है.
गौरतलब है कि आंदोलनकारी अभ्यार्थियों ने 2446 दारोगा बहाली के पीटी, मुख्य परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षा और मेरिट लिस्ट यानी फाइनल रिजल्ट हर स्तर पर धांधली-सेटिंग का आरोप लगाया था. अभ्यार्थियों का कहना था कि पीटी का पेपरलीक हुआ और मुख्य परीक्षा मे एक ही सीरियल के रॉल नंबर वाले कई अभ्यर्थी पास कर गए थे. बताते चलें कि फरवरी 2020 में मुख्य परीक्षा मे धांधली-सेटिंग के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्र नेता दिलीप कुमार को गिरफ्तार करके 15 दिनों के लिए जेल भी भेज दिया गया था.