बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसइबी) ने बताया कि बिहार सरकार से अनुमति मिलती है तो 2019 के राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीइटी) का रिजल्ट नए सिरे से पुनर्मूल्यांकन करा कर जारी किया जा सकता है. समिति ने यह जानकारी पटना हाईकोर्ट को एसीटीइटी परीक्षा में गलत प्रश्नों के पूछे जाने के मामले में जवाबी हलफनामा दायर कर दी. इसके साथ ही बोर्ड ने कोर्ट को यह भी बताया कि परीक्षा में गलत प्रश्नों के लिए जिम्मेदार प्रोफेसरों को 16 सितंबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. साथ ही इन प्रोफेसरों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई भी की जायेगी.
बोर्ड ने प्रश्न तैयार करने वाले प्रोफेसरों के नाम किए सार्वजनिक
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने पहली बार यह भी स्वीकार किया है कि एक्सपर्ट कमेटी ने उत्तरों के गलत विकल्प बनाये थे. जिसके बाद समिति अब उन एसोसिएट प्रोफेसरों के विरुद्ध कार्रवाई कर सकती है जिन्होंने प्रश्नों के गलत उत्तर विकल्प के रूप में दिए थे. इसके साथ ही बोर्ड ने पहली बार प्रश्न पत्र तैयार करने वाले प्रोफेसरों के नाम भी सार्वजनिक किए है.
इन प्रोफेसरों ने तैयार किया था प्रश्न पत्र
बोर्ड द्वारा प्रश्न पत्र तैयार करने वाले वाले जिन प्रोफेसरों के नाम जारी किए हैं उनमें फिजिक्स विषय के उत्तरों का विकल्प बी डी कालेज, पटना के फिजिक्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. हरिंशु मीरन सिंह, बी एड कालेज, पटना के फिजिक्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा.पी के वर्मा, मगध विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. संजीव कुमार पाण्डेय और बीएनएमयू, मधेपुरा के शिक्षा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. बुद्ध प्रिय ने तैयार किया था.
पटना हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई
पटना हाईकोर्ट में न्यायाधीश अनिल कुमार सिन्हा की एकल पीठ ने प्रकाश चंद्र एवं अन्य द्वारा दायर किये गये रिट याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की थी. जहां आवेदकों की तरफ से अधिवक्ता रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि राज्य में शिक्षकों की बहाली के लिए बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गयी थी. इसमें फिजिक्स विषय की परीक्षा 18 अक्टूबर 2020 को ली गयी थी. जिसमें समान्य ज्ञान में प्रश्न संख्या 9, 13,16 और 47 व फिजिक्स विषय में प्रश्न संख्या 59 के उत्तर का जो विकल्प दिया गया था वह गलत था.
कमेटी ने भी जांच में प्रश्नों के विकल्पों को पाया गलत
अधिवक्ता रितिका रानी का कहना था कि जब इन पूछे गए पराशों के उत्तरों के गलत विकल्पों को एक्सपर्ट कमिटी को भेजा गया तो इसमें यह पाया गया कि यह सभी आरोप सही हैं. इसके बाद एक अन्य एक्सपर्ट कमेटी को इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा दिया गया. इस कमेटी ने भी अपनी जांच में पाया कि राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा के फिजिक्स विषय में उत्तरों के विकल्प गलत थे. अब इस मामले पर दुर्गा पूजा अवकाश के दो सप्ताह बाद एक बार फिर सुनवाई की जायेगी.
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24000 से अधिक परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए थे एसटीइटी 2019 में
बताया दें कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा का परिणाम 12 मार्च 2021 को जारी किया था. यह परिणाम उस वक्त के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने स्वयं किया था. इस परीक्षा में 24 हजार 599 परीक्षार्थी उतिरण हुए थे. लेकिन अब एक बार से परिणाम जारी होने की चर्चा तेज हो गई है. ऐसा बिहार बोर्ड द्वारा हाईकोर्ट में हलफनाम दायर करने के बाद से हुआ है. जिसमें समिति ने कहा कि राज्य सरकार की अनुमति मिलने पर फिर से परिणाम जारी किया जा सकता है.