Bihar Student Credit Card: नौकरी पाने के बावजूद 22 हजार छात्रों ने नहीं चुकाया एजुकेशन लोन, भेजा गया नोटिस
अभी कुछ और स्टूडेंट्स को नोटिस भेजा जाना बाकी है. ये नोटिस छात्रों द्वारा लिए गए शिक्षा ऋण को वापस नहीं करने पर दिया गया है. ये वैसे छात्र हैं जो अपनी पढ़ाई पूरा करने के बाद स्थायी तौर पर अलग-अलग कंपनियों में जॅाब कर रहें हैं.
पटना. बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत अब तक राज्य के 22 हजार 849 विद्यार्थियों को लोन वापस करनेको लेकर नोटिस भेजा गया है. इनमें सबसे अधिक पटना जिले के 1889 विद्यार्थी शामिल हैं. बिहार राज्य वित्त निगम के जिला कार्यालयों द्वारा अपने-अपने जिले के विद्यार्थियों को यह नोटिस भेजा गया है. अभी कुछ और स्टूडेंट्स को नोटिस भेजा जाना बाकी है. ये नोटिस छात्रों द्वारा लिए गए शिक्षा ऋण को वापस नहीं करने पर दिया गया है. ये वैसे छात्र हैं जो अपनी पढ़ाई पूरा करने के बाद स्थायी तौर पर अलग-अलग कंपनियों में जॅाब कर रहें हैं.
अधिक छात्र पटना जिले के
एक अधिकारी ने बताया कि बीएसएफसी ने कुल 22,849 छात्रों की पहचान की है. जिन्हें विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियां मिली हैं. राज्य मुख्यालय ने जिला बीएसएफसी को छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है और तदनुसार, अधिकारियों ने उन्हें नोटिस दिए हैं. लोन वापस नहीं करना वाले छात्रों में से सबसे अधिक 1,889 पटना जिले से हैं. वहीं पटना के अलावा अररिया के 1150, समस्तीपुर के 925, मुजफ्फरपुर के 873, गया के 866 और सुपौल जिले के 823 छात्र शामिल हैं.
एक साल का मिलता है समय
छात्रों ने जिला बीएसएफसी की मंजूरी के बाद बिहार सरकार की विशेष परियोजना बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पॉलिसी के तहत पढ़ने के लिए लोन लिया था. इस सुविधा के तहत छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद और नौकरी मिलने के बाद निगम को बिना किसी ब्याज के पैसा वापस करने के हकदार होते हैं. बीएसएफसी उन छात्रों को किश्तों में राशि चुकाने के लिए एक वर्ष का वक्त भी देता है. वहीं, राज्य के विभिन्न जिलों के 4212 वैसे विद्यार्थी हैं, जिनके द्वारा ऑनलाइन शपथपत्र दिया गया है कि उन्हें अभी कोई रोजगार प्राप्त नहीं हुआ है. इसलिए अभी हम लोन की राशि वापस करने में असमर्थ हैं. शपथपत्र देनेवाले विद्यार्थियों को लोन वापसी का नोटिस नहीं जाता है. इसके लिए हर छह महीने के अंदर विद्यार्थी को यह शपथपत्र देना होता है.
नौकरी नहीं मिलने पर करें ये काम
बीएसएफसी उन छात्रों को भी सुविधाएं देता है जो अपनी पढ़ाई की अवधि समाप्त होने के बाद नौकरी पाने में असफल रहे लेकिन परीक्षा पास कर ली है. ऐसे स्टूडेंट्स को हर छह महीने में बीएसएफसी के समक्ष ऑनलाइन हलफनामा दाखिल करना होगा. अब तक 4312 स्टूडेंट्स ने इसी श्रेणी के तहत बीएसएफसी के पास हलफनामा दायर किया है.
पांच हजार और छात्रों को भेजी जायेगा नोटिस
इस संबंध में शिक्षा विभाग के पदाधिकारी कहते हैं कि पढ़ाई पूरी करने के एक साल के बाद से लोन की वापसी किस्तों में करने का प्रावधान है. जिन विद्यार्थियों की ओर से लोन वापसी को लेकर कोई सूचना नहीं दी जाती है, उन्हें वित्त निगम द्वारा नोटिस भेजा जाता है. मालूम हो कि इस योजना के तहत लोन की स्वीकृति शिक्षा विभाग देता है. इसके बाद राज्य वित्त निगम के द्वारा छानबीन करने के बाद लोन की राशि का भुगतान किया जाता है. विद्यार्थियों को लोन की राशि निगम ही देता है. पटना के बाद सबसे अधिक नोटिस अररिया जिले में 1150, समस्तीपुर में 925, मुजफ्फरपुर में 873, गया में 866 और सुपौल जिले में 823 विद्यार्थियों को नोटिस किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार और पांच हजार से अधिक विद्यार्थियों को नोटिस भेजने की तैयारी है.
क्या है बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना बिहार में छात्रों के लिए शुरू की गई योजना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करती है. इस योजना को 2016 में लॉन्च किया गया था. बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का एक हिस्सा है. इस योजना के तहत लोन राशि का उपयोग क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किया जा सकता है.
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम की विशेषताएं और लाभ
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यह योजना उन छात्रों के लिए वैलिड है, जिन्होंने बिहार सरकार द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों से अपनी इंटरमीडिएट या 12वीं कक्षा तक की शिक्षा पूरी की है.
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इस योजना के तहत, छात्र 4 लाख रु. तक की लोन राशि प्राप्त कर सकते हैं. लोन राशि का इस्तेमाल टेक्निकल, पॉलिटेक्निक या सामान्य पाठ्यक्रमों में आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है. इसके अलावा आप लोन राशि का इस्तेमाल किताबों, स्टेशनरी और लैपटॉप जैसी अध्ययन सामग्री की खरीद के लिए या फीस का भुगतान करने के लिए कर सकते हैं.
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इसके तहत ली गई राशि पर 4% का ब्याज लिया जाता है. महिलाओं, ट्रांसजेंडरों और विकलांगों के लिए ब्याज दर 1% है.
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इस योजना के तहत ली गई लोन राशि का भुगतान छात्रों को अपना कोर्स पूरा करने और नौकरी पाने के बाद करना होता है. उदाहरण के लिए, अगर आप तीन साल के बीएससी कोर्स के लिए यह स्कीम ले रहे हैं, तो आपको तीन साल के कोर्स के दौरान राशि चुकाने की आवश्यकता नहीं है.