कोटा में बिहार के छात्र ने खुद को लगायी आग, एक साल में दो दर्जन से अधिक छात्र कर चुके हैं आत्महत्या
राजस्थान का कोटा शहर बिहार के छात्रों के लिए सुसाइड सिटी बनता जा रहा है. एक साल के अंदर कोटा में करीब 2 दर्जन छात्र आत्महत्या कर चुके हैं. ताजा मामला शहर के जवाहर नगर मोहल्ले का है. यहां मेडिकल की तैयारी करने आये मयंक कुमार नामक छात्र ने केरोसिन छिड़कर खुद को आग लगा ली है.
पटना. राजस्थान का कोटा शहर बिहार के छात्रों के लिए सुसाइड सिटी बनता जा रहा है. एक साल के अंदर कोटा में करीब 2 दर्जन छात्र आत्महत्या कर चुके हैं. ताजा मामला शहर के जवाहर नगर मोहल्ले का है. यहां मेडिकल की तैयारी करने आये मयंक कुमार नामक छात्र ने केरोसिन छिड़कर खुद को आग लगा ली है. मयंक को गंभीर हालत में एमबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया है.
पश्चिमी चंपारण के बांकुली का रहनेवाला है मयंक
बिहार के पश्चिमी चंपारण के बांकुली का निवासी मयंक कोटा शहर के जवाहर नगर थाना इलाके में रहकर पिछले दो महीने से नीट की तैयारी कर रहा है. पिछले दिनों ही उससे मिलने के लिए उसके पिता आये हुए थे. पिता के लौटते ही मंयक ने खुद की जान देने की कोशिश की है. मयंक के पिता संजय कुमार ने बताया कि वो जैसे ही ट्रेन पकड़ने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचे उन्हें मोबाइल पर इस घटना की जानकारी दी गयी.
आत्मदाह के पीछे का कारण पता नहीं
संजय ने कहा कि उन्हें इस घटना के पीछे का कारण नहीं पता है. उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे से मिलकर काफी खुश थे. दोनों ने साथ में खाना खाया था. इसके बाद वह दिल्ली के लिए निकल गये. उन्होंने कहा कि उन्हें मोबाइल पर खबर दी गयी कि उनके बेटे ने खुद को आग लगा ली है. पिता वापस बेटे के कमरे पर पहुंचे. तब तक मयंक को अस्पताल ले जाया जा चुका था. मयंक की हालत गंभीर बनी हुई है.
मयंक पर नहीं था कोई दबाव
पिता का कहना है कि उनका बेटा पढ़ाई में भी अच्छा है और उसके ऊपर किसी भी तरह का परिवार की तरफ से कोई दबाव भी नहीं था, ऐसे में यह समझ से परे है कि उसने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया. पिता का कहना है कि वह बेटे को इलाज के लिए बिहार ले जाना चाहते हैं. उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि उनके बेटे को पटना ले जाने की व्यवस्था की जाये. संजय कुमार का कहना है कि वहां पर उसकी अच्छी देखरेख हो पायेगी.