सीमांचल में नहीं बनेगी बिहार की उप राजधानी, नीतीश कुमार ने कहा- ऐसे प्रस्ताव का कोई फायदा नहीं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सीमांचल क्षेत्र में किसी तरह की दूसरी राजधानी बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है और न ही ऐसा कभी उनके रहते होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | February 24, 2021 7:07 AM

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सीमांचल क्षेत्र में किसी तरह की दूसरी राजधानी बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है और न ही ऐसा कभी उनके रहते होगा. क्योंकि इसका कोई फायदा नहीं है. वहां दूसरी राजधानी बनाने से क्या होगा. वह विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुए वाद-विवाद के बाद सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे.

नीतीश कुमार ने कहा कि सीमांचल की चिंता सरकार हर तरह से कर रही है और इस क्षेत्र विशेष के लिए कई योजना चला रही है. बिहार का देश में क्षेत्रफल में 12वां और जनसंख्या में तीसरा स्थान है. इस मामले को एआइएमआइएम के अख्तरूल इमाम ने उठाया था.

पहली बार 12 सीटें मिली हैं, आप गलत काम नहीं करें

सीएम ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत मौसम अनुकूल खेती शुरू की गयी है. सभी जिलों से पांच-पांच गांव का चयन कर इसकी शुरुआत की गयी है. माले विधायकों ने जब टोकते हुए कहा कि इससे गरीब परेशान हो रहे हैं, तो सीएम ने कहा कि पहली बार 12 सीटें मिल गयी हैं, तो आपलोग गलत काम नहीं करें.

नीतीश कुमार ने कहा कि पर्यावरण से गरीब का भी रिश्ता है. उन्हें प्रति परिवार एक लाख 25 हजार रुपये दिये जा रहे हैं. सिर्फ आपको ही नहीं, सरकार हर तरह से गरीबों की चिंता कर रही है. इस पर सभी विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे और वॉक-ऑउट कर चले गये. सीएम ने राजद की तरफ इशारा करते हुए कटाक्ष किया कि इनके फेरा में मत रहिए.

उन्होंने कहा कि अटलजी के राज में जितना काम हुआ, वह उससे पहले किसी केंद्र सरकार ने नहीं किया था. उनके साथ किये काम के अनुभव की बदौलत ही वे आज आगे बढ़े हैं. प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से हंसते हुए कहा कि आपने मेरे साथ एक साल आठ महीने तक काम किया. उसके अनुभव को भी बताएं.

बिहार में रहना-खाना अब भी सस्ता

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में अब भी अन्य शहरों की तुलना में कॉस्ट ऑफ लिविंग कम है. यानी यहां रहने और खाने में कम खर्च होते हैं. यह विकास की वजह से हुआ है. राज्य की विकास दर 2019-20 तक 10.50 प्रतिशत रहने के कारण यहां प्रति व्यक्ति आमदनी बढ़ी है. 2004-05 में प्रति व्यक्ति आय सात हजार 914 रुपये थी, जो 2019-20 में बढ़ कर 50 हजार 735 रुपये प्रति व्यक्ति हो गयी है.

उन्होंने कहा कि आज किसी गांव की आज स्थिति खराब नहीं है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट की वजह से 2020-21 में सूबे की विकास दर नीचे जायेगी. बिहार भी इससे अछूता नहीं रहेगा.

Posted by Ashish Jha

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