बिहार में मौसम विभाग ने 19 मार्च तक बारिश होने की संभावना जताई है. दूसरी ओर बारिश के आसार गन्ने के किसानों के लिए फायदेमंद हो सकता है. पूसा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की ओर से गन्ने की खेती से जुड़े किसानों के लिए सुझाव जारी किया गया है. जानकारी दी गयी है कि बारिश होने से मिट्टी की नमी का लाभ उठाते हुए बसंत गन्ने की रोपनी तेजी से कर सकते हैं. इसके लिए दोमट मिट्टी व ऊंची जमीन का चुनाव कर गहरी जुताई करनी चाहिए. वहीं बीज में बेहतर प्रभेदों का चुनाव सबसे अहम है. इसमें बीज रोग मुक्त खेतों का होना चाहिए. आपको बता दें कि किसानों को अलर्ट किया गया है कि जहां तक संभव हो आठ से दस महीने की फसल को ही बीज के रूप में प्रयोग किया जाना चाहिए.
विभागीय आंकड़ों के अनुसार मुजफ्फरपुर में 10,200 हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती है. इसमें सबसे अधिक मोतीपुर, कांटी, मीनापुर व बरुराज के क्षेत्रों में गन्ने की खेती होती है. बाकि प्रखंडों में भी आंशिक रूप से किसान गन्ने की खेती करते हैं. हाल में विभागीय स्तर पर सभी जिलों को इसके बीज के संबंध में गाइडलाइन जारी किया गया है. इसके तहत गन्ना उद्योग की ओर से चयनित 10 प्रभेदों का बीज अनुदान पर दिया जायेगा. इसमें अधिकतम एक हेक्टेयर पर अनुदान दिये जाने का प्रावधान है. वहीं आधार बीज उत्पादन के लिए 60 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन अनुदान मिलेगा.
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गरमा मूंग व उड़द के लिए अधिकांश प्रखंडों में किसानों ने खेत तैयार कर लिया है. कृषि विभाग की ओर से बीज वितरण की प्रक्रिया भी चल रही है. मौसम को देखते हुए बारिश होने के बाद मूंग व उड़द की बुआई करने का सुझाव किसानों को दिया गया है. बीज दर छोटे दानों के प्रभेदों में 20 से 25 किलो प्रति हेक्टेयर व बड़े दानों में 30 से 35 किलो रखना है. वहीं बारिश को लेकर ओल की बुआई में भी पूरी सावधानी बरते की बात कही गयी है.
Published By: Sakshi Shiva