Bihar Teacher News: भागलपुर, बांका व मुंगेर शिक्षा विभाग के नये आदेश को लेकर शिक्षकों के बीच आक्रोश है. पिछले कुछ दिनों से शिक्षकों ने उस नये आदेश को लेकर आपत्ति दर्ज करायी है जो हाल में ही आयुक्त के द्वारा जारी किया गया है. शिक्षकों के अवकाश व सेल्फी को लेकर जारी आदेश के खिलाफ अब शिक्षक संघ ने आंदोलन की धमकी दे दी है. वहीं शिक्षकों के लिए जारी किये जा रहे नये-नये आदेशों को तुगलकी फरमान तक कह डाला है. जिसके बाद अब शिक्षा विभाग और शिक्षक संघ आमने-सामने है.
भागलपुर के आयुक्त दयानिधान पांडेय ने पिछले दिनों एक बैठक में नये आदेश जारी किये. शिक्षा विभाग की बैठक में आयुक्त ने आदेश दिया कि वैसे विद्यालय जहां शिक्षकों की संख्या 10 से कम है, वहां सामान्य स्थिति में एक बार में एक ही शिक्षक को अवकाश देना होगा. जहां 10 से अधिक शिक्षक है, वहां एक बार में 10 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों को अवकाश दे सकेंगे. वहीं सामान्य स्थिति में शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मियों को अवकाश के तीन दिन पूर्व अवकाश का आवेदन देना होगा. प्रधानाध्यापक को दो दिन पूर्व अवकाश स्वीकृति आदेश जारी कर पंजी में अंकित करना अनिवार्य होगा.
शिक्षकों की उपस्थिति के लिए सेल्फी के नियमों में भी कड़ाई की गयी है. दैनिक उपस्थिति पंजी व शिक्षकों की सामूहिक फोटो सेल्फी में आदेश के पूर्व तिथि व समय अंकित नहीं रहता था. इस बाबत सभी डीपीओ, बीइओ व प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया कि विद्यालय के सभी शिक्षकों की उपस्थिति पंजी में विद्यालय का नाम और शिक्षकों के सामूहिक फोटो सेल्फी में तिथि, समय एवं विद्यालय का नाम अंकित हो. इसे लेकर भी शिक्षकों ने एतराज जताया है. महिला शिक्षकें इसे निजता का हनन बता रही हैं तो कुछ शिक्षकों ने कहा कि दूर दराज से आना और मिनट तक की पाबंदी दुर्घटनाओं की वजह बन सकती है.
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बता दें कि इस आदेश के विरोध में अब शिक्षकों की ओर से अजीबोगरीब तरीके के आवेदन पत्र लिखे गये जो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ. किसी शिक्षक ने दो दिन बाद अपनी मां के निधन की आशंका जताते हुए छुट्टी देने का निवेदन किया तो किसी के आवेदन पत्र में दो दिनों बाद बीमार पड़ने की आशंका जाहिर की गयी थी. अब इसे लेकर शिक्षक संघ के नेताओं ने भी शिक्षा विभाग की घेराबंदी शुरू कर दी है.
भागलपुर व बांका में जारी इस आदेश के खिलाफ बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ की प्रदेश सचिव सुप्रिया सिंह ने आंदोलन की धमकी दी है. उन्होंने इस आदेश को बेतुका बताया और कहा कि शिक्षा विभाग पहले आकस्मिक अवकाश की परिभाषा बताए. नहीं तो अब बाध्य होकर शिक्षक सड़क पर उतरेंगे. विभाग शिक्षकों का शोषण करना बंद करे. आए दिन इस तरह के तुगलकी फरमान से शिक्षक प्रताड़ित होते हैं जो दुखद है. अगर शिक्षकों के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो इसका जिम्मेदार विभाग होगा.
Posted By: Thakur Shaktilochan