बिहार शिक्षक बहाली: यूपी वालों ने मारी बड़ी बाजी, जानिए बाहरी राज्यों के कितने अभ्यर्थी बने टीचर..
BPSC ने बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है. बिहार टीचर एग्जाम में बाहरी राज्यों के भी अभ्यर्थी पास हुए हैं. आयोग की तरफ से अब यह जानकारी भी सामने ला दी गयी है कि बाहरी राज्यों के कितने अभ्यर्थी पास हुए. जानिए किस राज्य के अधिक अभ्यर्थी पास हुए हैं.
BPSC Bihar Teacher Result: बिहार लोक सेवा आयोग के द्वारा पहली बार बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया. बिहार टीचर एग्जाम में बाहरी राज्यों के भी अभ्यर्थियों को मौका दिया गया था. बीपीएससी की ओर से अब परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है. इस परीक्षा में 70 फीसदी से अधिक अभ्यर्थी सफल हुए हैं. वहीं बीपीएससी की ओर से अब विषयवार कटऑफ भी जारी कर दिया गया है. वहीं इसकी जानकारी भी अब बाहर आ चुकी है कि बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा में जो अभ्यर्थी पास हुए हैं उनमें कितने अभ्यर्थी बाहरी राज्यों के हैं.
जानिए बाहरी राज्यों के कितने अभ्यर्थी हुए पास..
बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम आ चुका है. चयनित एक लाख, 20 हजार 336 शिक्षकों में से करीब 14 हजार (करीब 12%) दूसरे राज्यों के हैं. ये सभी प्राथमिक शिक्षक के रूप में चयनित हुए हैं. इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के हैं. झारखंड, हरियाणा, पश्चिमी बंगाल आदि राज्यों के अभ्यर्थी भी नियुक्त हुए हैं. यह सभी वह अभ्यर्थी हैं, जो सीटेट पास हैं और डीएलएड किया है. नौंवीं से 12वीं तक के शिक्षक बनने के लिए एसटीइटी की आवश्यक थी,जो सिर्फ बिहार में होता है. इसलिए प्लस टू स्कूल की रिक्तियों में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी बेहद कम हैं.
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बाहरी राज्याें के कितने अभ्यर्थियों ने दिया था आवेदन..
बता दें कि बिहार में शिक्षकों की बंपर बहाली जब आयी तो पौने दो लाख पदों की इस वैकेंसी में आठ लाख से अधिक आवेदन आयोग को मिले. लेट फी के साथ भी कई अभ्यर्थियों ने आवेदन जमा किए थे. इन आवेदकों में दूसरे राज्यों के 38.56 प्रतिशत अभ्यर्थी दूसरे राज्यों के थे. अंतिम रूप से आवेदन करने वालों में 3,12,560 अभ्यर्थी बाहर के थे. बिहार निवासी आवेदक 61.4 प्रतिशत थे. प्राथमिक विद्यालयों के लिए रिक्तियों से 9.3 गुना अधिक आवेदन आया था.
बीपीएससी की क्या थी शर्त?
बता दें कि बीपीएससी ने बिहार के अलावा दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए शर्ते रखी थी. राज्य सरकार की ओर से तय किया गया कि दूसरे राज्यों के भी अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं और बिहार में शिक्षक बन सकते हैं. लेकिन इसके बाद यह भी साफ कर दिया गया था कि दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को केवल 16 हजार पदों पर ही नियुक्त किया जाएगा. जबकि बिहार के अभ्यर्थियों को यह लाभ दिया गया कि परीक्षा में मिलने वाले आरक्षण के लाभार्थी केवल वही होंगे. बाहरी राज्य के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा.
अयोग्य अभ्यर्थियों को बाहर किया जा रहा..
रिजल्ट आने के बाद कई मुद्दों को लेकर विरोध भी किया जा रहा है. वहीं, बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने बुधवार को एक्स पर ट्वीट कर कहा कि अयोग्य अभ्यर्थियों को बाहर करने के लिए कई स्तरों का फिल्टरेशन चाहिए. प्रक्रिया चल रही है. उन्हें हटाने के दौरान जो भी रिक्तियां खाली होंगी, उन सभी को एक या अधिक पूरक रिजल्ट से भरा जायेगा. उन्होंने लिखा कि भाषा के अनिवार्य पत्र की आंसर-की जल्द अपलोड की जायेगी.
बीपीएससी चेयमैन का ट्वीट
उधर, बीपीएससी चेयमैन ने गुरुवार को एक ट्वीट किया और लिखा कि ‘ कल कुछ TRE-CS अभ्यर्थियों ने मुझसे मुलाकात की और शिकायत की कि बाहरी लोगों ने फर्जी तरीके से STET-2019 प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिया है. पूछने पर, उन्होंने STET-2019 विज्ञापन की जांच की और पाया कि यह बिहार के निवासियों के लिए था, न कि “स्थायी” निवासियों के लिए. वे इसका अंतर जानते थे और इसलिए शांति से चले गए’.
बाहरी राज्यों के लोग जब बड़ी तादाद में आए
गौरतलब है कि बाहरी राज्यों से उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थी अधिक संख्या में चयनीत हुए हैं. वहीं पिछले दिनों यूपी भाजपा के भी एक प्रवक्ता ने सोशल मीडिया X पर अपनी खुशी जाहिर की थी और बताया की उनकी बेटी बिहार में शिक्षक बन चुकी है. जिसके बाद राजद की ओर से उस ट्वीट को रिट्वीट किया गया था. इसपर सियासी घमासान भी मचने लगा और कहा गया कि बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की कृपा से उनकी बेटी को नौकरी लग गयी. वहीं यूपी में रोजगार को लेकर कई लोगों ने तंज कसा. बता दें कि जब बीपीएससी की ओर से टीचर एग्जाम का आयोजन किया गया तो दूसरे राज्यों से बड़ी तादाद में अभ्यर्थी पहुंचे थे.