शिक्षकों के लिए ACS सिद्धार्थ ने जारी किए ये 15 सख्त निर्देश, लापरवाही पर होगी कार्रवाई
Bihar Teacher News: बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए नई पहल की है.
Bihar Teacher News: बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए नई पहल की है. यह कदम शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने और छात्रों के जीवन में अनुशासन और विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है. राज्यभर के 81 हजार सरकारी स्कूलों में शैक्षिक अनुशासन को लागू करने के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.
नए दिशा-निर्देश से शिक्षा में होगा बदलाव
इन नए आदेशों के तहत, छात्र अब स्कूल समय सारणी के अनुसार पूरी तैयारी के साथ आएंगे. उन्हें पाठ्यपुस्तकों, नोटबुक, पानी की बोतल, पेंसिल बॉक्स और साफ-सुथरी वर्दी पहनकर आना अनिवार्य होगा. इसके अलावा, शिक्षकों की जिम्मेदारी भी बढ़ाई गई है. वे कक्षा शुरू होने से 10 मिनट पहले विद्यालय पहुंचेंगे और ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे.
ACS एस. सिद्धार्थ के अनुसार, स्कूलों में एक मजबूत प्रबंधन प्रणाली लागू की जाएगी. छात्र की उपस्थिति, उनकी शैक्षिक गतिविधियां, सफाई, कक्षा की व्यवस्था और बच्चों के माता-पिता से संवाद को प्रमुखता दी जाएगी. स्कूलों में अब छोटे बच्चों को आगे और बड़े बच्चों को पीछे बैठाने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि कक्षाओं में बेहतर अनुशासन और संचालन सुनिश्चित हो सके.
शिक्षकों पर नई जिम्मेदारी
शिक्षकों को अपनी कक्षाओं में पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की शिक्षा भी देनी होगी. कक्षा में प्रत्येक शिक्षक पाठ योजना का पालन करेंगे, बच्चों को होमवर्क देंगे और साप्ताहिक टेस्ट लेंगे. इसके अलावा, शिक्षक छात्रों के प्रगति कार्ड पर भी काम करेंगे, जो हर तीन महीने में बच्चों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करेंगे.
अंग्रेजी कौशल पर विशेष ध्यान
शिक्षकों को बच्चों में अंग्रेजी भाषा के कौशल को विकसित करने पर जोर देना होगा. यह कदम राज्य में छात्रों के लिए बेहतर करियर के अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा और उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा.
ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर समस्या
हालांकि, बुधवार को शिक्षकों को ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करने में समस्या का सामना करना पड़ा, क्योंकि पोर्टल का सर्वर डाउन था. इसके चलते शिक्षकों ने ऑफलाइन उपस्थिति दर्ज की। शिक्षा विभाग ने पोर्टल को 16 जनवरी तक ठीक करने का आश्वासन दिया है.
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सख्त कार्रवाई का आश्वासन
एस. सिद्धार्थ ने साफ कहा है कि नए दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा और जो स्कूल या शिक्षक इन नियमों की अनदेखी करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा के इस नए रूप को लागू करने से राज्य में शैक्षिक स्तर में सुधार की उम्मीद की जा रही है, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास और भविष्य उज्जवल होगा.
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यह कदम बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और छात्रों की शैक्षिक यात्रा को और भी प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.