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बिहार के नए शिक्षकों को यह गलती पड़ेगी भारी, शिक्षा विभाग ने नौकरी छीन लेने की दी सख्त चेतावनी..

शिक्षा विभाग ने बीपीएससी से चयनित शिक्षकों को चेतावनी दी है. उन्हें बेहद सख्त लहजे में कहा गया है कि अगर वो किसी भी तरह का संघ बनाते हैं तो उनकी नौकरी ही समाप्त कर दी जाएगी. दरअसल, नवनियुक्त शिक्षकों ने अपनी सेवा शुरू करने से पहले ही कुछ ऐसा किया कि विभाग को यह कदम उठाना पड़ा.

बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बीपीएससी से चयनित शिक्षकों को चेतावनी दी है कि वे किसी प्रकार का संघ या मंच नहीं बनाएं और न ही इस प्रकार के संघों को बनाते हुए अपने पैड छपवायेंगे, अन्यथा उनकी औपबंधिक नियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी जायेगी. विभाग ने कहा है कि बीपीएससी से 1.20 लाख शिक्षक चयनित हैं. दो नवंबर 2023 को औपबंधिक नियुक्ति पत्र दिया गया था. अभी इनका स्कूल भी आवंटन नहीं हुआ है. इन्होंने अभी पढ़ाना शुरू नहीं किया है, लेकिन संघ पहले ही बना लिया. जिसे विभाग ने गंभीरता से लिया है. विभाग ने ऐसे किसी भी संघ को तुरंत अमान्य करार दिया है.

नियुक्ति पत्र होगा रद्द

शिक्षा विभाग के संज्ञान में आया है कि माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक बीपीएससी अध्यापक संघ नाम का तथाकथित संघ बनाया गया है. विभाग ने ऐसे संगठन को गैर कानूनी बताते हुए कहा है कि विभाग द्वारा इसे किसी प्रकार की मान्यता नहीं है. साथ ही, संघ की प्रदेश अध्यक्ष बबीता चौरसिया से मधुबनी के डीइओ ने स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों नहीं उनका औपबंधिक नियुक्ति पत्र रद्द कर दिया जाए.

शिक्षा विभाग का आदेश

शिक्षा विभाग ने कहा है कि बीपीएससी से चयनित शिक्षक किसी प्रकार का संघ न बनाएं और न ही इसका हिस्सा बनें. बिहार विद्यालय अध्यापक नियमावली 2023 की धारा 17 के आचरण संहिता की कंडिका 7 की ओर इन विद्यालय अध्यापकों का ध्यान दिलाया है. इसके तहत सभी विद्यालय अध्यापकों पर बिहार सरकारी सेवक आचार संहिता 1976 लागू होती है. संहिता में स्पष्ट है कि कोई सरकारी सेवक किसी प्रकार के संघ या संगठन आदि नहीं बनायेंगे और किसी प्रकार का आंदोलन या प्रदर्शन नहीं करेंगे.

छुट्टियों के दौरान स्कूलों में प्रधानाध्यापक रहेंगे मौजूद

स्कूलों में नये शिक्षकों को पदस्थापित करने के लिए जिला पदाधिकारी ने प्रधानाध्यापकों को छुट्टियों में भी स्कूल खुला रखने का निर्देश दिया है. जिला पदाधिकारी डॉ चंद्रशेखर ने जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, विद्यालय अवर निरीक्षक, स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को पत्र लिखा है कि शिक्षा दिवस के अवसर पर 11 नवंबर से 21 नवंबर तक नवनियुक्त शिक्षकों की विद्यालय में पदस्थापन की जानी है. 13 से 21 नवंबर तक छठ पूजा को लेकर छुट्टियां रहेंगी. ऐसे में नव नियुक्त विद्यालय अध्यापकों के योगदान के लिए स्कूल खुले रहेंगे. नवनियुक्त शिक्षकों के योगदान को प्रधानाध्यापक द्वारा स्वीकृत किया जायेगा.

लिपिकों वशिक्षकों के स्थानांतरण पर रोक

इधर, शिक्षा विभाग ने राजकीय, राजकीयकृत, परियोजना, उत्क्रमित मध्य एवं माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों तथा क्षेत्रीय कार्यालय के कर्मियों का स्थानांनतरण, पदस्थापन, प्रतिनियुक्ति पर रोक लगा दिया है. माध्यमिक शिक्षा के निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक और सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिशा-निर्देश भेजा है. निर्देश में कहा गया है कि निदेशक के कार्यालयों और जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के द्वारा बड़ी संख्या में लिपिकों एवं शिक्षकों का स्थानांतरण होने से विद्यालय का पठन-पाठन एवं कार्यालय का काम प्रभावित होता है. इस कारण से अगले आदेश तक रोक लगाया गया है.

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