बिहार के मुजफ्फरपुर में फर्जी शिक्षकों को बचाने वाली नियोजन इकाइयों के खिलाफ संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कराया जायेगा. वर्ष 2006 से 2015 तक नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र से संबंधित फोल्डर जांच के लिए उपलब्ध कराने वाली नियोजन इकाइयों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी सभी बीइओ को दी गयी है. डीपीओ स्थापना डॉ प्रफुल्ल कुमार मिश्र ने कहा है कि फोल्डर नहीं देने वाले नियोजन इकाइयों के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी के बारे में थाना से पत्र-व्यवहार किया जाये. साथ ही मामले में अनुपालन प्रतिवेदन अविलंब उपलब्ध कराएं.
बता दें कि जुलाई 2015 से नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो कर रही हैं. निर्धारित अवधि में नियोजित तीन हजार से अधिक शिक्षकों का फोल्डर निगरानी टीम को नहीं मिला है. ऐसे में संबंधित नियोजन इकाइयों पर फर्जी शिक्षकों को बचाने के आरोप लग रहे हैं. वहीं, डीपीओ ने सभी बीइओ को भेजे गये पत्र में कहा है कि अनुपालन प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं होने पर अनियमितता व गबन के मामले में संबंधित बीइओ भी उत्तरदायी होंगे.
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डीपीओ स्थापना ने सभी प्रखंडों से निगरानी टीम की ओर से दर्ज करायी गयी एफआइआर में नामित फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी और वेतन भुगतान के बारे में भी जानकारी मांगी है. जिले के विभिन्न थानों में निगरानी टीम ने 32 एफआइआर दर्ज करायी है, जिसमें 38 शिक्षकों के नाम हैं. इसमें अधिकतर के मैट्रिक व इंटर के सर्टिफिकेट फर्जी पाये गये हैं. वहीं कई शिक्षकों का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र फर्जी है. डीपीओ ने विद्यालय अवर निरीक्षक नगर क्षेत्र सहित सभी बीइओ को पत्र भेजकर पूछा है कि एफआइआर में नामित शिक्षकों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई हुई है या नहीं और क्या उनको वेतन दिया जा रहा है. यदि बर्खास्तगी नहीं हुई है, तो संबंधित नियोजन इकाई को नियमानुसार बर्खास्तगी की प्रक्रिया पूरी करने के लिए पत्र दिया जाये.