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बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के रिजल्ट का क्यों हो रहा है विरोध? क्या है अभ्यर्थियों की मांग, जानिए

बिहार में आयोजित हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी वन कैंडिडेट वन रिजल्ट सहित कई मांगों को लेकर लगातार बीपीएससी कार्यालय के पास विरोध कर रहे हैं. अभ्यर्थी बीपीएससी पर आरोप लगते हुए रिजल्ट में कई तरह की समस्या होनी बात कह रहे हैं. जानिए क्या है अभ्यर्थियों की मांग...

बिहार के सरकारी स्कूलों में 1.70 लाख शिक्षकों के पद पर नियुक्ति के लिए राज्य सरकार ने बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) के माध्यम से वैकेंसी निकाली. इसके बाद 23 से 26 अगस्त के बीच राज्य के लगभग 876 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई. इसका रिजल्ट भी दो महीने के अंदर जारी कर दिया गया. लेकिन परीक्षा अभ्यर्थी अब रिजल्ट में फर्जीवाड़े का आरोप लगा कर इसका विरोध कर रहे हैं. अभ्यर्थी बीपीएससी कार्यालय के बाहर पहुंच कर जमकर हंगामा भी कर रहे है. विरोध कर रहे अभ्यर्थियों पर बुधवार को पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज भी कर दिया. इस दौरान राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष दिलीप कुमार समेत चार लोग चोटिल हो गये.

वन कैंडीडेट वन रिजल्ट की मांग

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि जब विज्ञापन जारी किया गया था, उसमें लिखा हुआ है कि किसी एक पद के लिए एक अभ्यर्थी का ही रिजल्ट जारी किया जायेगा. हम लोगों की मूल रूप से एक ही मांग है कि विज्ञापन में जो भी बातें लिखी गयी हैं, उनका पालन किया जाये और एक कैंडिडेट के लिए एक ही रिजल्ट जारी किया जाये.

क्या है वन कैंडीडेट वन रिजल्ट ?

वन कैंडीडेट वन रिजल्ट का मतलब है कि अगर बीपीएससी ने उच्च माध्यमिक (11 वीं और 12 वीं) में किसी एक अभ्यर्थी का रिजल्ट दिया है तो, वास अभ्यर्थी का रिजल्ट माध्यमिक (9 वीं और 10 वीं) शिक्षक के लिए नहीं होगा. अभ्यर्थियों का कहना है कि ऐसे हजारों की संख्या में अभ्यर्थी हैं, जिनका रिजल्ट माध्यमिक 9 से 10 और उच्च माध्यमिक (11वीं-12वीं) दोनों में जारी कर दिया गया है.

अभ्यर्थियों की अन्य मांगें

  • शिक्षक अभ्यर्थी मांग कर रहे थे कि जनरल, ओबीसी, एससी, एसटी, ईडब्ल्यूएस के कट ऑफ मार्क्स जारी किए जाएं, जिसे बुधवार की शाम आयोग ने अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिया है.

  • अभ्यर्थियों की मांग है कि सभी श्रेणियों के लिए प्रतीक्षा सूची जारी की जाए

  • अभ्यर्थियों की मांग है कि एक अभ्यर्थी को एक से ज्यादा सीट मिलने पर रिजल्ट का पूरा डेटा प्रकाशित किया जाए

  • अभ्यर्थियों ने सवाल किया है कि 1 लाख 70 हजार में से सिर्फ 1 लाख 20 हजार का ही रिजल्ट क्यों प्रकाशित हुआ?

  • अभ्यर्थियों की मांग है कि STET19 में जिसका विषय संयोजन नहीं है, जो अपीयरिंग है उसे बाहर किया जाए.

  • अभ्यर्थियों की मांग है कि सभी अभ्यर्थियों के स्कोर कार्ड को प्रकाशित किया जाए

  • अभ्यर्थियों की मांग है कि कितने नियोजित शिक्षक उत्तीर्ण हुए इसका पूरा डाटा प्रकाशित किया जाये

  • अभ्यर्थियों की मांग है कि परीक्षा में उत्तीर्ण नए अभ्यर्थियों की सूची भी प्रकाशित की जाए

कंप्यूटर साइंस विषय के रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप

अभ्यर्थियों ने आयोग पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि बड़ी संख्या में कंप्यूटर साइंस विषय के रिजल्ट में गड़बड़ी हुई है. अभ्यर्थियों का कहना था कि कई ऐसे कैंडीडेट्स है जिनके पास एसटीईटी का प्रमाण पत्र नहीं है फिर भी वो शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए. अभ्यर्थियों का कहना था की बिहार के बाहर के कैंडीडेट्स एसटीईटी की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते थे क्योंकि उस वक्त बिहार में डोमिसाइल नीति लागू थी.

STET 2019 के प्रमाण पत्र को लेकर विवाद

नेता दिलीप कुमार ने बताया कि बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद से प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात हुई है. उन्होंने हमारी बात सुनी और कहा कि शिक्षा विभाग से पूरा काम हो रहा है. आपकी बातों पर विचार-विमर्श किया जायेगा. वहीं बीपीएससी अध्यक्ष ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि कल कुछ शिक्षक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी मुझसे मिले और शिकायत की कि बाहरी लोगों ने फर्जी तरीके से STET 2019 प्रमाणपत्र प्राप्त किया है. पूछे जाने पर, उन्होंने STET 2019 विज्ञापन की जांच की और पाया कि यह बिहार के निवासियों के लिए था, न कि ‘स्थायी’ निवासियों के लिए. वे अंतर जानते थे और इसलिए शांति से चले गए.

छात्र नेता का क्या है कहना

इस संबंध में छात्र नेता दिलीप कुमार का कहना है कि शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग के दौरान यह जांच नहीं की जा रही है कि उन्होंने एसटीईटी या सीटीईटी परीक्षा उत्तीर्ण की है. सिर्फ यह देखा जा रहा है कि अभ्यर्थियों के पास बीपीएससी द्वारा वॉटरमार्क कर दिया गया मूल दस्तावेज है या नहीं. ऐसे कई अभ्यर्थी है जिनका रिजल्ट माध्यमिक और उच्च माध्यमिक दोनों में दे दिया गया है. इस पर दिलीप कुमार का कहना है कि एक कैंडीडेट के लिए एक ही रिजल्ट जारी करना चाहिए. आयोग को विज्ञापन में लिखी गई बातों अ पालन करना चाहिए था. लेकिन अब जब रिजल्ट जारी कर दिया गया है. तो जल्द से जल्द मेरिट लिस्ट भी जारी किया जाना चाहिए.

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अब जानिए क्या कहते हैं बीपीएससी अध्यक्ष

बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने इस समयबद्ध में सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट कर बताया कि जब हम शिक्षक भर्ती परीक्षा में उम्मीदवारों की बड़ी संख्या से निपट रहे हैं तो अयोग्य लोगों को हटाने के लिए मल्टी लेयर फ़िल्टरिंग की आवश्यकता होती है. अभी यही किया जा रहा है इसीलिए सभी परिणाम सशर्त हैं. इस फ़िल्टरिंग से उत्पन्न कोई भी रिक्ति एक या अधिक पूरक परिणामों से भरी जाएगी. एक अन्य पोस्ट में उन्होंने बताया कि टीआरई कट ऑफ अंक और अयोग्य उम्मीदवारों की सूची घोषित कर दी गई है. जल्द ही भाषा के पेपर की ओएमआर शीट भी वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएंगी.

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2 नवंबर को बांटे जाएंगे नियुक्ति पत्र

बीपीएससी द्वारा हा नियुक्त 1,20,336 स्कूल शिक्षकों में से 25,300 विद्यालय अध्यापकों को तदर्थ नियुक्ति पत्र दो नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में गांधी मैदान में बांटे जायेंगे. इसके अलावा 95,036 शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति पत्र 2 नवंबर को जिलों में कलेक्टर (जिला अधिकारी) और आयुक्त (प्रमंडलीय आयुक्त) द्वारा वितरित किए जाएंगे. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस संदर्भ में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है. इस तरह पूरे राज्य में दो नवंबर को एक साथ 1.20 लाख से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटे जायेंगे.

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