Explainers: पटना की सड़कों पर मचा है बवाल, जानें क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं शिक्षक अभ्यर्थी

बिहार में शिक्षक अभ्यर्थी एक बार फिर से सड़कों पर है. शनिवार को उनके द्वारा राजभवन मार्च निकाला गया. पुलिस ने रोकने की कोशिश की. अभ्यर्थी जब नहीं रूके तो पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज किया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2023 2:50 PM
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बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर से रणक्षेत्र में बदल गयी है. बड़ी संख्या में अलग-अलग जिलों से पहुंचे शिक्षक अभ्यर्थियों के द्वारा सड़क पर जमकर प्रदर्शन किया गया. उन्हें रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा. इसमें कई अभ्यर्थी बुरी तरह घायल भी हुए हैं. छात्र नई शिक्षक नियमावली के तहत भर्ती प्रक्रिया में डोमिसाइल नीति हटाने की मांग कर रहे हैं.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि बिहार में सरकारी विद्यालय में 1.7 लाख पदों नियुक्ति होनी है. इसके लिए सरकार के द्वारा नई शिक्षक भर्ती नीति की घोषणा की गयी है. पहले इसमें केवल बिहार के अभ्यर्थी आवेदन कर सकते थे. मगर, सरकार के द्वारा पिछली कैबिनेट की बैठक में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में बैठने का मौका देने की घोषणा की गयी. यानि, आवेदक के बिहार के स्थायी निवासी होने की बाध्यता को खत्म कर दिया गया. इसके लिए, नियुक्ति नियमावली में बनाये गए डोमिसाइल नीति में बदलाव किया गया. छात्रों इसका विरोध कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि इससे बिहार के युवाओं को मिलने वाले रोजगार का अवसर कम हो जाएगा.

बड़ी संख्या में जमा हुए सीटेट-बीटेट और एसटेट पास अभ्यर्थी

बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के आह्वान पर हो रहे आंदोलन में पूरे बिहार के हजारों सीटेट, बीटेट, एसटीइटी पास शिक्षक अभ्यर्थी शनिवार को पटना में जुटे. संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव व मीकू पाल ने बताया कि लाखों शिक्षक अभ्यर्थी डोमिसाइल नीति हटने से आक्रोशित हैं. सरकार उनका रोजगार छीन दूसरे प्रदेश के लोगों को रोजगार का अवसर दे रही है, जो कहीं से उचित नहीं है.

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राजभवन का घेराव करने जा रहे थे अभ्यर्थी

बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष नितेश पांडे तथा अनीश सिंह ने बताया शिक्षा मंत्री का बयान बिहारी युवाओं की मेधा पर सवाल खड़ा करता है. उन्होंने कहा कि गणित, विज्ञान और अंग्रेजी के शिक्षक बिहार में नहीं मिलते हैं, जबकि सच्चाई है कि चार वर्षों से तमाम जरूरी योग्यता के बावजूद सरकार इन विषयों के शिक्षकों की बहाली नहीं कर रही है. उन्होंने बताया कि इस तक सरकार की दमनकारी नीति के विरुद्ध पूरे बिहार के शिक्षक अभ्यर्थी पटना की सड़क पर महाआंदोलन करेंगे तथा राजभवन मार्च करेंगे. शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति हटाने के विरुद्ध बिहार के सभी जिलों में शिक्षक अभ्यर्थियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. पटना विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य व भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री विक्की राय ने डोमिसाइल नीति हटाने का विरोध किया है.

11 जुलाई को विधानसभा का घेराव करेंगे शिक्षक

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 10 जुलाई से शुरू होने की संभावना है. इसे देखते हुए बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के द्वारा 11 जुलाई को विधानसभा घेराव का आयोजन किया जाना है. मोर्चा के संरक्षक संदीप सौरभ ने बताया कि मोर्चा के द्वारा मॉनसून सत्र के दौरान बिहार के लाखों शिक्षक 11 जुलाई को बिहार विधानसभा का घेराव करेंगे. 12 जुलाई को पटना में बिहार के तमाम विधायकों के आवास का घेराव करते हुए अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपेंगे, जिससे उनके क्षेत्र के विधायक उनकी मांगों को विधानसभा में रख सकें. नौ जुलाई को पटना में मोर्चे की बैठक होगी.

नियोजित शिक्षकों की परीक्षा का भी है विरोध

नई शिक्षक भर्ती नीति के तहत नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मी बनने का मौका दिया जा रहा है. मगर, इसके लिए उन्हें परीक्षा पास करना होगा. नियोजित शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं. बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संरक्षक और पालीगंज से भाकपा माले के विधायक संदीप सौरभ ने बताया की बीपीएससी से शिक्षकों की बहाली को लेकर दिन प्रतिदिन गतिरोध की स्थिति उत्पन्न हो रही है. वर्षों से विद्यालयों में अपनी सेवा दे रहे शिक्षकों के संबंध में बिना कोई स्पष्ट दिशा निर्देश दिये. उन्हें फ्रेशर के साथ धकेल देना कहीं से उचित नहीं है.

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