बिहार में फर्जी शिक्षकों की पहचान को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. मगर, भागलपुर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जिले में भीषण गर्मी से लोगों की सुरक्षा को लेकर जिलाधिकारी की ओर से नोटिस जारी किया गया था. इसी नोटिस के ऑरिजनल भाग को एडिट (छेड़छाड़) कर उसे भागलपुर जिलाधिकारी के द्वारा जारी किया गया आदेश बताकर रविवार की शाम को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया. उक्त मामले में जिलाधिकारी के स्तर से जांच करायी गयी. जांच में पाया गया कि उक्त फर्जी नोटिस को सुल्तानगंज के सरस्वती उच्च माध्यमिक विद्यालय बेलारी के माध्यमिक शिक्षक मनीष कुमार ने एडिट कर वायरल किया है.
मामले में जिला शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने सोमवार देर शाम बरारी थाना में आवेदन दिया. आवदेन में कहा है कि शिक्षक के फर्जी नोटिस वायरल करने से जिला दंडाधिकारी के पदीय प्रतिष्ठा का हनन हुआ है. साथ ही इसकी वजह से कई स्कूलों के संचालन में गतिरोध उत्पन्न हुआ है. इसलिए शिक्षक के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाये. आवेदन के आधार पर देर रात तक केस दर्ज करने की प्रक्रिया की जाती रही. थानाध्यक्ष एसआइ संजय कुमार सत्यार्थी ने बताया कि दिये गये आवेदन के आधार पर केस दर्ज कर अग्रतर कार्रवाई की जायेगी.
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समाज में शिक्षक का पद सबसे गरिमा वाला होता है. शिक्षक के कंधे पर समाज को सही दिशा देने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है. क्योंकि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को वह जिस तरह के ढांचा में डालेंगे, वो वैसा ही बनते हैं. यही बच्चे आगे चलकर समाज के साथ-साथ देश को आगे ले जाते हैं. लेकिन जब शिक्षक ही गलत कृत्य करेंगे, तो बच्चों पर भी तो इसका प्रभाव पड़ेगा ही और कहीं न कहीं इससे समाज में अव्यवस्था फैलेगी. इसलिए शिक्षक को सजग रहने की जरूरत है.