गजेटियर के रूप में एटलस ऑफ वाटर बॉडीज प्रकाशित करने वाला बिहार होगा पहला राज्य,नदी से पाइन तक का होगा ब्योरा
देश में जल निकायों को गजेटियर के रूप में प्रकाशित करने वाला बिहार पहला राज्य होने जा रहा है. जल- जीवन -हरियाली योजना के तहत अप्रैल तक गजेटियर कम एटलस ऑफ वाटर बॉडीज ऑफ बिहार को प्रकाशित कर दिया जायेगा.
पटना. देश में जल निकायों को गजेटियर के रूप में प्रकाशित करने वाला बिहार पहला राज्य होने जा रहा है. जल- जीवन -हरियाली योजना के तहत अप्रैल तक गजेटियर कम एटलस ऑफ वाटर बॉडीज ऑफ बिहार को प्रकाशित कर दिया जायेगा.
250 पेज के एटलस (नक्शा) में राज्य के सभी जिला स्तरीय 100 से अधिक नदियों, 50 हजार से अधिक तालाबों, नहरों, आहर एवं पइन को गांव और प्रखंड स्तर पर मानचित्र में दर्शाया गया है. चंपारण, मधुबनी आदि अंतराष्ट्रीय सीमा वाले जिलों की अंतराष्ट्रीय सीमा के सत्यापन के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग एक सप्ताह में भारत सरकार को इन जिलों के मानचित्र भेज देगा.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बताया कि एटलस में प्रत्येक जिले के मानचित्र को इस प्रकार से प्रकाशित किया जायेगा कि सार्वजनिक और निजी तालाबों की अलग- अलग पहचान की जा सके.
पहली बार राजस्व ग्रामों का भू-संकल्पित मानचित्र प्रस्तुत करेगा. पैमाना आधारित मानचित्र के कारण इस एटलस में प्रदर्शित गांव एवं पंचायतों का क्षेत्रफल और उनके बीच की दूरी भी मापी जा सकेगी.
विवेक कुमार सिंह के अनुसार भारत में जल निकायों को गजेटियर के रूप में प्रकाशित करने वाला बिहार पहला राज्य होगा. जल निकायों की स्थिति को पैमाना और माप अक्षांश देशांतर के साथ दर्शाया जायेगा.
विकास योजना बनाने में मददगार होगा जन निकाय नक्शा
गजेटियर कम एटलस ऑफ वाटर बॉडीज ऑफ बिहार विकास संबंधी योजना बनाने और उनके नियमन में भी मददगार होगा. विभिन्न विभागों को इस एटलस से सहायता मिलेगी. सिंचाई, ग्रामीण विकास, कृषि, योजना, आपदा प्रबंधन, कला- संस्कृति आदि विभागों के लिए भी समान रूप से उपयोगी साबित होगा.
जल निकायों के अतिरिक्त जिलों के इतिहास, पुरातत्व, जलवायु, कृषि, उद्योग आदि विषयों से संबंधित सूचनाओं के लिए बिहार सरकार के विभिन्न विभागों के वार्षिक प्रतिवेदन एवं अन्य प्रकाशनों का उपयोग किया जा रहा है.
Posted by Ashish Jha