बिहार में गेहूं की पटवन के समय यूरिया की किल्लत, सुपौल में खाद के लिए आधी रात से ही लग रही किसानों की कतार
किसानों की भीड़ के कारण धक्का-मुक्की की नौबत भी उत्पन्न हो गयी. प्रशासन द्वारा समझा बुझाकर शांत करवाया गया. मौके पर महिला- पुरुष किसानों ने बताया कि वे लोग दो बजे रात से ही खाद के लिए पहुंचे हुए है.
बिहार में गेहूं की बुवायी के समय डीएपी खाद की किल्लत थी. अब जब पटवन की बारी आयी तो यूरिया कि किल्लत है. बिहार के सुपौल जिले के बसंतपुर प्रखंड के बिशनपुर चौक पर रविवार की सुबह किसान सेवा केंद्र पर यूरिया (खाद) के लिए हजारों किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी. खाद आने की सूचना मिलने पर एक बजे रात से ही किसान आधार कार्ड लेकर दुकान पर पहुंचने लगे थे. धीरे-धीरे किसानों की भीड़ इतनी बढ़ गयी कि उसे काबू करने के लिए बलुआ थाने की पुलिस को पहुंचना पड़ा. खाद लेने पहुंचे पुरुष महिला किसानों को विशनपुर चौक से सटे उत्तर खाली ग्राउंड पर लाइन लगाकर नंबर सिस्टम से पर्ची वितरित की गयी.
किसानों की भीड़ के कारण धक्का-मुक्की की नौबत भी उत्पन्न हो गयी. प्रशासन द्वारा समझा बुझाकर शांत करवाया गया. मौके पर महिला- पुरुष किसानों ने बताया कि वे लोग दो बजे रात से ही खाद के लिए पहुंचे हुए है. बताया कि थाना क्षेत्र में कुछ ऐसे दुकानदार भी है जो किसानों से ऊंचे दामों पर सरकारी रेट 265 की जगह सात सौ से आठ सौ रुपये लेते है आखिर हम लोग खेती कैसे करेंगे.
किसानों ने बताया कि गेहूं की बुवाई के समय डीएपी खाद की किल्लत थी. अब खेत में पटवन के बाद यूरिया नहीं मिल रहा है. किसानों ने कुछ दुकानदारों पर 265 रुपये के बजाय सात सौ से आठ सौ रुपये में खाद बेचने का आरोप लगाया. किसान सेवा केंद्र के प्रोपराइटर रणधीर कुमार सिंह ने बताया कि अभी 558 बोरी खाद आयी हुई है, जिसे किसानों के बीच वितरित करायी जायेगी. रविवार को किसानों से आधार कार्ड लेकर उन्हें पर्ची दे दी गयी है. किसानों को सोमवार को यूरिया का वितरण किया जायेगा.
Posted by: Radheshyam Kushwaha