2025 तक बिहार इथेनॉल उत्पादन में बनेगा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य, यूनिट लगाने के लिए आये 30 निवेश प्रस्ताव

Bihar News: इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति का लोकार्पण करते हुए प्रदेश के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि राज्य में इथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में निवेश के लिए तीस बड़े प्रस्ताव आ गया हैं. यह प्रस्ताव भारत सरकार और राज्य की निवेश प्रोत्साहन परिषद के माध्यम से आये हैं. अब पालिसी बन जाने के बाद उनके प्रस्तावों पर विचार किया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | March 19, 2021 4:56 PM

पटना. इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति का लोकार्पण करते हुए प्रदेश के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि राज्य में इथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में निवेश के लिए तीस बड़े प्रस्ताव आ गया हैं. यह प्रस्ताव भारत सरकार और राज्य की निवेश प्रोत्साहन परिषद के माध्यम से आये हैं. अब पालिसी बन जाने के बाद उनके प्रस्तावों पर विचार किया जायेगा. नीति को धरातल पर उतारने की सार्वजनिक घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश की दशा-दिशा बदल जायेगी.

उन्होंने कहा कि बिहार श्री कृष्ण सिंह के समय में हुए औद्योगिक विकास के स्वर्णिम युग को फिर पायेगी. यह इथेनॉल पॉलिसी मुख्यमंत्री के दूर दृष्टि और विकास के प्रति उनके सकारात्मक नजरियो की देन है. साफ किया कि बिहार को औद्योगिक समृद्धि दिलाने के लिए मेरा मंत्रालय पूरी ताकत झौकेगा. बड़ी बात यह है कि बिहार के औद्योगिक विकास के लिए केंद्र की मौजूदा सरकार में बिहार का हर मंत्री सकारात्मक सहयोग दे रहा है.

उन्होंने कहा कि बिहार में अभी केवल 12 करोड़ लीटर उत्पादन होता है, जिसे बढ़ाकर 2025 तक 50 करोड़ लीटर करने का लक्ष्य है. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इथेनॉल से भारत को अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए विदेशी मुद्रा खर्च नहीं करनी पड़ेगी. डालर की बचत होगी. कहा कि इससे बिहार के किसानों की आय में जबरदस्त इजाफा होगा.

एक तरह से वह मक्का और गन्ना इथेनॉल उत्पादन के लिए देंगे और इसके बदले उन्हें अच्छी खासी रकम मिलेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 40 लाख टन मक्का पैदा होता है. इसका उपयोग न होने से सब बाहर चला जाता है. इथेनॉल में इसका उपयोग होने से किसानों को फायदा होगा. कहा कि गन्ना का चीनी उत्पादन के लिए उत्पादन का मुश्किल से केवल पचास फीसदी उपयोग होता है. अब उसका उपयोग हो सकेगा.

उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव बृजेश मेहरोत्रा ने कहा कि इथेनॉल उत्पादन के लिए हमारे पास समुचित कच्चा माल या उत्पाद हैं. यहां मक्का 40 लाख टन, गन्ना 160 टन, धान 82 लाख टन हो रहा है. उन्होंने साफ किया कि अगर इथेनॉल के अलावा हाइ प्रायोरिटी वाला कोई और निवेश क्षेत्र में किसी एक को चुनना होगा, तो हम इथेनॉल को प्राथमिकता देंगे. निकट भविष्य में कुछ और इन्वेंस्टमेंट पॉलिसी आ रही हैं.

प्रदेश के निवेश आयुक्त आर एस श्रीवास्तव ने कहा कि देश में 2025 तक 900 करोड़ लीटर इथेनॉल की जरूरत होगी. अभी केवल 300 करोड़ टन उत्पादन हो रहा है. इसमें बिहार की सर्वाधिक भागीदारी हो सकती है. बिहार में अभी केवल 18 करोड़ लीटर उत्पादन हो रहा है. इसे हम पचास लाख लीटर तक कर सकते हैं. कहा कि उद्योग निदेशक इथेनॉल इन्वेंस्टमेंट की नोडल अफसर होंगे. इस दौरान उद्योग निदेशक पंकज कुमार सिंह भी उपस्थित रहे.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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