बिहार के B.Ed कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली अवैध करार, सभी लॉ कॉलेजों में एडमिशन पर भी रोक, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Bihar Breaking News, Bihar Top News: बिहार के शिक्षा जगत के लिए पटना हाई कोर्ट से सोमवार को दो बड़ी खबरें आई हैं. इसमें सबसे पहला तो ये कि राज्य के सरकारी बीएड कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद पर की गयी नियुक्ति को पटना हाइकोर्ट ने अवैध करार देते हुए उसे निरस्त कर दिया. वहीं दूसरे फैसले में बिहार के सरकारी और निजी लॉ कॉलेजों में एडमिशन पर भी रोक लगा दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 23, 2021 11:11 AM

Bihar News: बिहार के शिक्षा जगत के लिए पटना हाई कोर्ट से सोमवार को दो बड़ी खबरें आई हैं. इसमें सबसे पहला तो ये कि राज्य के सरकारी बीएड कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद पर की गयी नियुक्ति को पटना हाइकोर्ट ने अवैध करार देते हुए उसे निरस्त कर दिया. वहीं दूसरे फैसले में बिहार के सरकारी और निजी लॉ कॉलेजों में एडमिशन पर भी रोक लगा दी है. बिहार के सरकारी बीएड कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद पर की गयी नियुक्ति को पटना हाइकोर्ट ने अवैध करार देते हुए उसे निरस्त कर दिया.

न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने रवि कुमार व अन्य की तरफ से दायर हुई तीन रिट याचिकाओं को मंज़ूर करते हुए सोमवार को यह फैसला सुनाया . याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया गया की यह नियुक्ति बहाली के लिये निकाले गये विज्ञापन के शर्तों के खिलाफ जाकर बीएड कॉलेजों में की गई है. विज्ञापन 478 रिक्त पदों के लिए प्रकाशित किया गया था जबकि नियुक्तियां 451 पदों पर ही की गयी.

योग्य उम्मीदवारों जिनमें याचिकाकर्ता शामिल थे उनके लिए देय आरक्षण में भी गड़बड़ी की गयी. हाइकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कई बार राज्य सरकार को निर्देश दिया की प्रकाशित विज्ञापन के आलोक में ही बहाली लेने हेतु उचित कदम उठाया जाये, लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने पर अंततः पूरी नियुक्ति को ही कोर्ट को रद्द करना पड़ा.

सभी लॉ कालेजों में नामांकन पर रोक

पटना हाइकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी व निजी लॉ कालेजों में लिए जाने वाले नामांकन पर रोक लगा दिया है. चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने कुणाल कौशल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने नामांकन पर रोक लगाते हुए चांसलर कार्यालय और राज्य सरकार समेत सभी संबंधित विवि व अन्य से 23 अप्रैल तक जवाब तलब किया है. सुनवाई के दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्र ने कोर्ट के समक्ष इन कॉलेजों से संबंधित इंस्पेक्शन रिपोर्ट पेश किया .

कहा गया है कि राज्य में जो भी लॉ कालेज हैं उनमें बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है.इन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को मिलने वाली पूरी व्यवस्था नहीं मिल पाती है. इन कॉलेजों में योग्य शिक्षकों व प्रशासनिक अधिकारियों की काफी कमी हैं. जिसका लॉ की पढ़ाई पर काफी असर पड़ रहा है.ये सारे कॉलेज बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित किये गये मानदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं.अधिवक्ता विश्वजीत ने कोर्ट को बताया कि जब तक ये सारे कॉलेज सभी मापदंडों को पूरा नहीं करते है तब तक इन कॉलेजों में नामांकन पर रोक लगाना आवश्यक है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य में सरकारी व निजी लॉ कालेजों की कुल संख्या 28 है.

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Posted By: Utpal Kant

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