अध्यात्म और पर्यटन का संगम है रोहतास का तुतला भवानी का मनोरम दृश्य, 200 फीट ऊपर से गिरता है पानी
तुतला भवानी के मंदिर में आदिकाल से भक्तों की श्रद्धा है. वहीं, तुतला जलप्रपात की सुंदरता भी पर्यटकों को अपनी तरफ खींच लेती है. मानसून में इस वॉटरफॉल की सुंदरता देखने लायक होती है. रोहतास के जंगल का मनोरम दृश्य देखने वाले पर्यटक यहां दूबारा जरूर आते हैं.
तुतला भवानी के मंदिर में आदिकाल से भक्तों की श्रद्धा है. प्रकृति की गोद में मां महिषासुरमर्दिनी के इस मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. ये स्थान पर्यटन के साथ अध्यात्म का अनोखा संगम है. 200 फीट की ऊंचाई से गिरने वाले झरने से आता पानी व ठंडी हवा लोगों को आनन्दित व रोमांचित कर देता है. वन विभाग के द्वारा मंदिर में जाने के लिए एक झूला पुल का भी निर्माण किया गया है. रोहतास के तिलौथू प्रखंड के रेड़ियां गांव स्थित तुतला भवानी धाम आने वाले पर्यटक यहां का दृश्य एक बार देखने के बाद दूसरी बार जरूर आते हैं.
प्राचीन काल से है मां का मंदिर
बताया जाता है कि मां का ये मंदिर महाभारत काल या उससे पहले का है. हालांकि फ्रांसीसी ट्रैव्लर ने अपने यात्रा वृतांत में लिखा है कि वो यहां 14 सितंबर 1812 को वहां गया था. उन्होंने लिखा है कि यह मंदिर आदि काल से प्रसिद्ध है. यहां हर मौसम में लोग आकर पूजा करते हैं. अनगढ़ पहाड़ी क्षेत्र में पिकनिक मनाने का सबसे बेहतरीन स्थान है. आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ यहां एक दिन की छूट्टी बिताने आ सकते हैं. हालांकि यहां जंगल में मौजूद बंदरों और लंगूर आपको थोड़ा परेशान कर सकते हैं. इस पूरे जंगल में जंगली फूल और हरसिंगार के फूलों की खुशबू फैली रहती है.
नवरात्र नौ दिन होती है भीड़
नवरात्र के समय तुतला भवानी धाम मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रहती है. सामान्य दिनों में मां के दर्शन आराम से हो सकते हैं. इसके साथ ही झरने में नहाने और पिकनिक मनाने में भी आसानी होगी. तुतला भवानी पहुंचने के लिए पटना से रोहतास जिला मुख्यालय पहुंचना होगा. इसके बाद यहां से छोटी टैक्सी या अपनी गाड़ी से एक घंटे में झरने तक पहुंच सकते हैं. हालांकि यहां खाने पीने की चीजें मिल जाती है. मगर आप अपने गाड़ी से हैं तो बेहतर होगा की खाने का इंतजाम करके आएं.