बिहार में राजधानी एक्सप्रेस तक की बोगी नदी में समा चुकी, यहीं हुआ देश का सबसे बड़ा रेल हादसा, जानिए..
बिहार के बक्सर में नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस की बोगियां बेपटरी हो गयीं. रघुनाथपुर स्टेशन पर हुए हादसे में कई लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि दर्जनों लोग जख्मी हैं जिनका इलाज चल रहा है. बिहार में पहले भी कई रेल हादसे हुए हैं. जानिए..
Bihar Train Accident: बिहार में एकबार फिर से रेल हादसा हुआ है. बक्सर से रवाना होने के बाद आनंद विहार से कामख्या जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस (North East Express Accident) रघुनाथपुर स्टेशन (Raghunathpur Station) के पास पटरी से उतर गयी. ट्रेन के कई डिब्बे पलट गये. करीब दो दर्जन बोगियां बेपटरी हुई हैं. हादसे में 4 लोगों की मौत की पुष्टि खबर लिखे जाने तक रेलवे की ओर से की गयी है. वहीं तीन दर्जन से अधिक लोग जख्मी हैं जिनका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है. बिहार के इस रेल हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है. बुधवार की रात करीब पौने दस बजे यह हादसा (Buxar Train Accident) हुआ. वहीं हादसे के बाद से ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया जो गुरुवार को जारी रहा. कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है जबकि कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया. बिहार में वर्ष 1981 में भारत का सबसे बड़ा रेल हादसा हुआ था. वहीं कई रेल हादसे और भी बिहार में पहले हुए हैं जो सुर्खियों में रहे…
बिहार में 1981 में हुआ था भारत का सबसे बड़ा रेल हादसा
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बिहार में 6 जून, 1981 को हुआ रेल हादसा सबसे बड़ा माना जाता है. इस घटना में यह माना जाता है कि 800 लोगों की मौत हो गयी थी. सहरसा-मानसी रेलखंड के धमारा घाट के पुल संख्या 51 पर 416 डाउन समस्तीपुर बनमनखी ट्रेन की नौ में से सात डिब्बे बागमती नदी में गिर गये थे. सारे डिब्बे नदी में समा गये थे. बताया जाता है कि ट्रेन के सामने गाय या भैंस आ गयी थी. इसे लेकर ट्रेन चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगायी थी. इसके कारण सात डिब्बे नदी में गिर गये थे.
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12 मई 2002 को बिहार की एक ट्रेन हादसे का शिकार बनी थी. जब नई दिल्ली से पटना जा रही श्रमजीवी एक्सप्रेस यूपी में बेपटरी हो गयी थी. यात्री ट्रेन में सफर कर रहे थे और उन्हें इसका अंदाजा भी नहीं था कि अगले ही पल एक भीषण हादसा उनके पास दस्तक देने जा रहा है. ट्रेन जब उत्तर प्रदेश के जौनपुर पहुंची तो दुर्घटना का शिकार बन गयी. ट्रेन की कई बोगियां अचानक पटरी से नीचे उतर गयीं और इस हादसे में दर्जन भर लोगों की मौत हो गयी थी.
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9 सितंबर 2002 को फिर एक रेल हादसे ने दस्तक दी. जब हावड़ा से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. इस ट्रेन की एक बोगी धावा नदी में गिर गयी थी. औरंगाबाद के रफीगंज से जब राजधानी एक्सप्रेस गुजर रही थी तो यहां धावा नदी पर बने पुल पर यह हादसा हुआ था. ट्रेन की बोगी नदी में जा गिरी और हादसे में करीब 100 लोगों की मौत हो गयी थी.
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8 अप्रैल 2014 को खगड़िया में बड़ा हादसा हुआ था. जब तेज रफ्तार से दौड़ रही राज्यरानी एक्सप्रेस की चपेट में कई तीर्थ यात्रियों की मौत हो गयी थी. महिलाएं और बच्चे समेत अनेकों तीर्थ यात्री पटरी पर खड़े थे. पटरी पार करके वो जाने वाले थे और उसी दौरान सामने से राज्यरानी एक्सप्रेस तेज रफ्तार में आयी और लोगों को रौंदते हुए निकल गयी. इस हादसे में तीन दर्जन से अधिक लोगों की जान चली गयी थी.
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25 जून 2014 को फिर एकबार राजधानी एक्सप्रेस हादसे का शिकार बनी.दिल्ली-डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस सारण जिले के पास हादसे का शिकार बन गयीं. इस ट्रेन की दर्जन भर बोगियां पटरी से नीचे उतर गयी और इस हादसे में करीब 4 लोगों की मौत और दर्जनों यात्री जख्मी हो गये थे.
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3 फरवरी 2013 को हाजीपुर में रेल हादसा हुआ था. जहां आनंद विहार-राधिकापुर सीमांचल एक्सप्रेस के दर्जन भर कोच बेपटरी हो गए थे. इस हादसे में करीब आधे दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी. जबकि 2 दर्जन लोग जख्मी हो गये थे जिनका इलाज कराया गया.
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24 फरवरी 2023 को रोहतास जिले में एक हादसा हुआ था. जब करबंदिया और पहलेजा स्टेशन के बीच में मालगाड़ी बेपटरी हो गयी थी. दर्जन भर डिब्बे पटरी से उतर गए थे. हालांकि इस हादसे में जानमाल की कोई क्षति नहीं हुई थी. लेकिन बिहार में हुए ये रेल हादसे सुर्खियों में रहे. वहीं इस साल 2023 में ओडिसा के बालासोर के बाद बिहार के बक्सर अंतर्गत रघुनाथपुर में बड़ा रेल हादसा हुआ है.