बिहार में किन्नरों को दारोगा बनाने के पीछे की वजह जानिए, सीएम नीतीश कुमार का प्रयोग दिखाने लगा रंग

बिहार पुलिस की सब इंस्पेक्टर परीक्षा में तीन ट्रांसजेंडर अभ्यर्थियों ने बाजी मारी है. सफल अभ्यर्थी ने बताया कि किस तरह उसने सफलता हासिल की है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | July 10, 2024 10:33 AM
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बिहार पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के 1275 पदों पर ली गयी परीक्षा का अंतिम परिणाम मंगलवार को जारी कर दिया गया जिसमें 822 पुरुष, 450 महिला के साथ इसबार 3 ट्रांसजेंडर अभ्यर्थियों का भी चयन हुआ है. बिहार पुलिस में सिपाही के बाद अब पहली बार दारोगा के पद पर भी ट्रांसजेंडर अभ्यर्थी का चयन हुआ है. ये अभ्यर्थी अब ट्रेनिंग के बाद खाकी वर्दी पहनकर थानों में दारोगा बनकर अपनी ड्यूटी करते दिखेंगे. इन तीन ट्रांसजेंडरों में दो ट्रांसमेन और एक ट्रांसवुमेन शामिल हैं. पहली दारोगा ट्रांसवुमेन मानवी मधु कश्यप ने अपनी सफलता की खुशी जाहिर करते हुए यहां तक के सफर के बारे में बताया है.

बिहार दारोगा परीक्षा में पास ट्रांसजेंडर अभ्यर्थी बोलीं…

बिहार में अब महिला और पुरुषों के साथ थानों में ट्रांसजेंडर दारोगा भी दिखेंगे. तीन ट्रांसजेंडर अभ्यर्थियों ने कड़ी मेहनत के दम पर इसबार सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में सफलता हासिल की है. प्रदेश की पहली ट्रांसवुमेन मानवी मधु कश्यप ने अपनी सफलता का राज बताया. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार और पटना के गुरु रहमान को भी सफलता का क्रेडिट दिया. बता दें कि इस परीक्षा में ट्रांसजेंडर के लिए 85.6 कट ऑफ नंबर रहा है. बिहार पुलिस में अब तीन ट्रांसजेंडर रोनित झा, बंटी कुमार और मानवी मधु कश्यप दारोगा के रूप में अपनी सेवा देंगे.

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ये सफर कठिन रहा… बोलीं मानवी

मानवी ने कहा कि इस सफलता के लिए मुख्यमंत्री, रहमान सर, सुल्तान सर और अपने माता-पिता को धन्यवाद देना चाहती हूं. मानवी ने कहा कि एक ट्रांसजेंडर के लिए यहां तक पहुंचने का सफर काफी कठिन होता है और ऐसा ही मेरे साथ भी था. लेकिन सबके सपोर्ट मिलने और हिम्मत मिलने से आज यहां तक पहुंची हूं और बेहद खुश हूं.

क्या है बिहार सरकार की सोच..?

बता दें कि बिहार सरकार किन्नरों को नयी दिशा देने की ओर काफी पहले से प्रयासरत है. सीएम नीतीश कुमार ने एकतरह से यह प्रयोग किया है जिससे किन्नरों को नयी धारा से जोड़ा जाए और किन्नरों को लेकर लोगों की मानसिकता बदल सके. सरकार ने फैसला लिया कि किन्नरों को बिहार पुलिस से भी जोड़ दिया जाए. पहले सिपाही और अब दारोगा के पद पर भी किन्नर चयनित हुए हैं.

जब सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया था…

बता दें कि कुछ साल पहले बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट में एक शपथ पत्र दायर किया था जिसमें बताया गया था कि पुलिस बहाली में ट्रांसजेंडरों को आरक्षण दिया गया है. सरकार की योजना है कि किन्नर समुदाय से एक-एक दारोगा और चार-चार सिपाही हर जिले में तैनात होग. किन्नरों को सामाजिक न्याय दिलाने की ओर सरकार का यह प्रयोग है. किन्नरों के लिए पुलिस विभाग में स्पेशल यूनिट होने की बात कोर्ट को बतायी गयी थी.

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