Bihar में सामने आया एक और घोटाला, परिवहन विभाग ने बाइक, कार और ई रिक्शा से ढो दिया 355 करोड़ का बालू

शुक्रवार को यह रिपोर्ट विधानमंडल के दोनों सदनों में इसे पेश की गयी. रिपोर्ट के मुताबिक खनन विभाग की लापरवाही से राज्य सरकार को करीब 355 करोड़ रुपये की चपत लगी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2022 12:14 PM

पटना. राज्य के 14 जिलों में बालू परिवहन के लिए जारी किये गये 243811 इ-चालान की जांच में 46935 फर्जी पाये गये. इसमें बाइक, स्कूटर, तिपहिया, कार, एंबुलेंस और इ-रिक्शा के नंबर पर इ-चालान जेनरेट किया गया था. यानी इन्हीं से बालू ढ़ोये गये. यह खुलासा 2020- 21 की सीएजी रिपोर्ट में किया गया है. शुक्रवार को यह रिपोर्ट विधानमंडल के दोनों सदनों में इसे पेश की गयी. रिपोर्ट के मुताबिक खनन विभाग की लापरवाही से राज्य सरकार को करीब 355 करोड़ रुपये की चपत लगी है.

करोड़ों का नुकसान

शुक्रवार शाम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महालेखाकार (लेखा परीक्षा) रामावतार शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार के विभागों के बीच समन्वय के अभाव के कारण करोड़ों का नुकसान हुआ है. सरकार के 16 कार्य प्रमंडलों में लेखा परीक्षा द्वारा सत्यापित 33191 इ-चालान में से 21192 फर्जी मिले यानी इ-चालान का 64% फर्जी. रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक संस्थानों की स्थापना भूमि अधिग्रहण में देरी से नहीं हो पायी. मौके पर प्रधान महालेखाकार प्रवीण कुमार सिंह,उप महालेखाकार आदर्श अग्रवाल, पुष्पलता आदि थे.

पीएम किसान सम्मान निधि के तहत सूची नहीं होने से 71.45 लाख किसान रह गये वंचित

महालेखाकार ने कहा कि कृषि विभाग के पास प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के सभावित लाभार्थियों की कोई मौजूदा सूची नहीं होने से राज्य के 71.45 लाख किसान 3443 करोड़ से वंचित रहें. उन्होंने कहा कि राज्य में 1.64 करोड़ भूमिधारक हैं, लेकिन पंजीकृत लाभार्थियों की संख्या केवल 82.50 लाख ही यानी कुल का लगभग 50%. सीएजी ने इसके लिए कृषि विभाग को जिम्मेदार ठहराया है.

अगर विभाग के पास सही आंकड़ा होता और ऑफलाइन आवेदन की सुविधा देते, तो इतनी बड़ी संख्या में किसान लाभ से वंचित नहीं रह सकते थे. विभाग ने 48366 अयोग्य किसानों के बीच 40 करोड़ बांट दिया. इसमें अधिकांश आयकरदाता हैं. विभाग की लापरवाही के कारण 175 लाभार्थियों के 22.62 लाख रुपये दूसरे के खाता में ट्रांसफर कर दिया गया. जिसकी वसूली नहीं हुई है.

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