बिहार: डिजिटल हो रहे हैं माफिया, ओवरलोड वाहन पार कराने के लिए पे फोन से हो रहा अवैध भुगतान

अभी परिवहन विभाग सुर्खियों में है. बारुण थाना क्षेत्र के सनथुआ मोड़ के समीप ओवरलोड वाहनों को पार करा रहे माफियाओं को रोकने पहुंची परिवहन टीम पर हमला मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. पांच लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | May 11, 2023 4:11 AM
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औरंगाबाद: सड़क मार्ग एक ऐसा श्रोत है जहां से सरकार को सबसे अधिक राजस्व प्राप्त होता है. प्रत्येक जिले के परिवहन विभाग को वाहनों के आवागमन व खरीद बिक्री से भारी भरकम राशि प्राप्त होती है. लेकिन, जब इस विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला हो तो समझा जा सकता है कि सरकारी राजस्व को कैसे चूना लगाया जाता होगा. अभी परिवहन विभाग सुर्खियों में है. बारुण थाना क्षेत्र के सनथुआ मोड़ के समीप ओवरलोड वाहनों को पार करा रहे माफियाओं को रोकने पहुंची परिवहन टीम पर हमला मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. पांच लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया. मारपीट से संबंधित वीडियो भी वायरल हो गया.

परिवहन विभाग के पदधिकारियों और कर्मचारियों से है सांठगांठ

ठीक दूसरी तरफ कुछ ऑडियो और पे फोन से परिवहन विभाग के दलालों को हुए भुगतान से संबंधित स्क्रीन शॉट भी चर्चा में है. ये भी तेजी से वायरल हो रहा है. इस अवैध उगाही के पीछे कई लोगों का नाम सामने आ रहा है, जो कहीं न कहीं माफिया तो है ही परिवहन विभाग के पदधिकारियों और कर्मचारियों से सांठगांठ कर ओवरलोड वाहनों को हाइवे से पार भी कराते है. इन नामों में दो नाम बेहद चर्चा में है और वो है राहुल-प्रियंका. इन दोनों के मोबाइल पे फोन में माफियाओं द्वारा कई बार मामूली से भारी भरकम राशि भेजी गयी है.

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कौन हैं राहुल – प्रियंका 

वायरल ऑडियो में बात करने वाले दो शख्स ओवरलोड वाहन को पार कराने की जुगत में लगे हुए प्रतीत होते है. एक 22 टन का जिक्र करता है, तो दूसरा 26 टन का. एक दूसरे को कहता है कि राहुल के खाते में पैसा डाल दो, फिर पुन: कहता है कि प्रियंका के खाते में डाल दो. साहब से बात कर वाहन पार करा देते है. आखिर ये राहुल-प्रियंका और साहब है कौन. कैसे कुछ दिन के अंतराल में राहुल और प्रियंका के पे फोन पर ओवरलोड से संबंधित भुगतान हो रहा है. प्रभात खबर को भुगतान से संबंधित कई पर्ची प्राप्त हुए है. जिससे स्पष्ट होता है कि कही न कहीं भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है. इधर, डीटीओ से पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.

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