मोडिफाइड गाड़ियों के इस्तेमाल और खतरनाक ड्राइविंग पर अब इतना लगेगा जुर्माना, परिवहन विभाग एनपीआर कैमरे से रखेगा निगरानी…
Bihar Transport News: बिहार में परिवहन से जुड़ा नियम एवं कानूनों को लेकर विभाग सख्त हो गया है. अब राज्यभर में एनपीआर कैमरे से चालान का दायरा बढ़ाया जाएगा. साथ हीं ओवरलोडिंग, ओवरटेक व ओवर स्पीड चालकों के ऊपर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.
Bihar Transport News: बिहार में परिवहन से जुड़ा नियम एवं कानूनों को लेकर विभाग सख्त हो गया है. अब राज्यभर में एनपीआर कैमरे से चालान का दायरा बढ़ाया जाएगा. साथ हीं ओवरलोडिंग, ओवरटेक व ओवर स्पीड चालकों के ऊपर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी. परिवहन विभाग ने सभी जिलों के ट्रैफिक एसपी को निर्देश दिया है. वहीं, रैश ड्राइविंग और ओवर स्पीड करने वाले वाहन चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन करने का आदेश दिया है.
बता दें कि विभाग द्वारा रैश ड्राइविंग करने वाले वाहन चालकों पर अंकुश लगाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाएगा. ताकि हर शहर और गांव में ऐसे चालक यातायात नियम तोड़ने से डरें.
मोडिफाइड गाड़ियों पर भी लगेगा जुर्माना
अक्सर हम देखते हैं कि युवा पुरानी गाड़ियों को मोडिफाई करा सड़क पर निकलते हैं. उसमें साइलेंसर, हॉर्न जैसे विभिन्न इक्विपमेंट का इस्तेमाल करते हैं, जिससे सड़क पर चल रहे बाकी लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. परिवहन विभाग ने इसको संज्ञान में लेते हुए मॉडिफाइड गाड़ी, साइलेंसर सहित टेंपरिंग नंबर प्लेट लगा कर वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. नंबर प्लेट की टेंपरिंग या मॉडिफाइ करा लेने की वजह से सही वाहन मालिक का पता नहीं चल पाता है. ऐसे नंबर प्लेट लगाकर क्रिमिनल एक्टिविटीज भी करते हैं.
खतरनाक ड्राइविंग पर कितना लगेगा जुर्माना ?
खतरनाक तरीके से ड्राइविंग करने पर मोटर वाहन अधिनियम,1988 की धारा 184 के तहत 5000 तक जुर्माना या 6 माह से 12 माह का कारावास या दोनों का प्रावधान है. पुनरावृत्ति होने पर 10000 या दो वर्ष का कारावास या दोनों हो सकता है. ऐसे वाहन चालकों से न सिर्फ जुर्माना , बल्कि मोटरवाहन अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत उनका ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित या रद्द करने का भी प्रावधान है.
क्या होता है एनपीआर कैमरा ?
एनपीआर कैमरे का मतलब होता है स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरा. यह एक ऐसा कैमरा है जो वास्तविक समय (Real Time) में वाहनों की नंबर प्लेटों को पढ़ते हैं और उन्हें डिजिटल बनाते हैं. ये सभी कैमरे पूरी पहचान/रिकॉर्डिंग/संचार प्रक्रिया को बिना सर्वर या ट्रिगर के खुद ही कर सकते हैं. वीडियो, फोटो के बजाय कॉम्पैक्ट डिजिटल डेटा भी परिवहन विभाग को भेज सकते हैं.
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