एनआइए की चार्जशीट में बिहार के दो लोगों का नाम, आंतकी संगठन को हथियार सप्लाई करने का है आरोप
बिहार के दोनों आरोपी मो. अरमान अली और मो. एहसानुल्लाह सारण जिला के मढ़ौरा थाना क्षेत्र के देवबहुआरा गांव के रहने वाला है.
पटना. जम्मू-कश्मीर की घाटियों में आंतकी गतिविधियों में शामिल आतंकी संगठनों को अवैध हथियार पहुंचाने के नेटवर्क से संबंधित मामले में एनआइए ने जम्मू स्थित एनआइए के विशेष कोर्ट में चार्जशीट दायर की है. इससे संबंधित मामला जम्मू के गंगयाल थाना में फरवरी 2021 में दर्ज किया गया था. फिर इस मामले की तफ्तीश एनआइए ने शुरू कर दी.
सोमवार को दायर इस चार्जशीट में पांच लोगों को मुख्य रूप से अभियुक्त बनाया गया है. इसमें दो लोग बिहार के भी हैं. शेष आरोपी जम्मू के ही रहने वाले हैं और जैश एवं एलएम आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं. बिहार के दोनों आरोपी मो. अरमान अली और मो. एहसानुल्लाह सारण जिला के मढ़ौरा थाना क्षेत्र के देवबहुआरा गांव के रहने वाला है. कुछ दिनों पहले एनआइए ने इनकी गिरफ्तारी भी इसी मामले में की थी.
एनआइए की जांच में यह पाया गया कि कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों पर हुए आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए गठित नये आतंकी संगठन लश्कर-ए-मुस्तफा (एलएम) को अवैध हथियार सप्लाइ करने वाले नेटवर्क में मुख्य रूप से जुड़े हुए थे. ये दोनों मुंगेर से देसी हथियारों की खेप को पंजाब, हरियाणा होते हुए जम्मू-कश्मीर तक पहुंचाते थे. हथियारों की तीन-चार खेप को इन्होंने इस आतंकी संगठन तक पहुंचाया था.
जम्मू के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले में करीब 60 जवान शहीद हो गये थे. इस मामले की तफ्तीश एनआइए ने शुरू की और देश में छिपे एलएम का सहयोग करने वालों की धड़-पकड़ शुरू कर दी. एनआइए की जांच में यह पाया गया कि पुलवामा हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद या जैश प्रमुख मसूद अजहर के भाई मो. रौउफ अजहर उर्फ अब्दुल असगर ने एलएम की स्थापना सिर्फ इस हमले को अंजाम देने के लिए किया था.
इसमें उसने बिहार, यूपी और जम्मू के कई युवाओं को भी बहला-फुसला कर शामिल कराया था. बिहार के ये दोनों युवक हथियारों की तस्करी करते और इसी चक्कर में इस आतंकी संगठन को हथियार सप्लाई करने लगे. फिलहाल इस मामले की जांच अभी जारी है. इसमें कुछ अन्य लोगों के भी शामिल होने की संभावना है. इससे संबंधित दूसरी चार्जशीट भी एनआइए जल्द दायर कर सकती है. इसमें कुछ अन्य लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं. बिहार में भी इससे जुड़े अन्य लोगों की तफ्तीश चल रही है.