विश्वविद्यालय और कॉलेज के शिक्षकों को अब नयी शिक्षा नीति का पाठ पढ़ाया जाएगा. स्थायी से लेकर अतिथि शिक्षकों को 36 घंटे का कोर्स करना जरूरी होगा. कोर्स पूरा करने के लिए शिक्षकों को छुट्टी लेने की भी जरूरत नहीं होगी. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की पहल पर इग्नू ने कोर्स तैयार किया है, जिसे यूजीसी से भी मान्यता मिल गयी है. इसमें नयी शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए उसके प्रमुख प्रावधानों के बारे में शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा. कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत यह कोर्स न्यूनतम छह दिन और अधिकतम नौ दिन में पूरा करना है.
केंद्र सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति (एनइपी 2020) जुलाई 2020 में जारी की गयी थी. इसे प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक प्रभावी बनाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है. यूजीसी और इग्नू को देशभर के करीब 15 लाख शिक्षकों को नयी शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन के लिए प्रशिक्षण देने का दायित्व सौंपा गया है. उच्च शिक्षा से जुड़े सभी अध्यापक चाहे वह स्थायी हो, अंशकालिक अथवा अतिथि प्रवक्ता हो, इस प्रशिक्षण के लिए पात्र है.
इग्नू के कुलपति प्रो नागेश्वर राव ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को पत्र भेजकर नयी शिक्षा नीति 2020 के प्रशिक्षण के संदर्भ में अवगत कराया है. साथ ही अधिक से अधिक अध्यापकों को नयी शिक्षा नीति 2020 के ऑनलाइन प्रशिक्षण से जुड़कर इसका लाभ लेने के लिए निर्देशित किया है. इग्नू के सभी क्षेत्रीय केंद्रों को संबंधित जिलों के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी दी गयी है. छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्णत निशुल्क है. प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए किसी प्रकार के छुट्टी लेने की आवश्कयता नहीं है. अभ्यर्थी को 36 घंटे देने होंगे और अधिकतम नौ दिनों में पूर्ण किया जा सकता है. प्रशिक्षण के लिए छह बैंच बनाये गये हैं, जिसका प्रथम बैंच पांच सितंबर से प्रारंभ होगा. स्वयं प्लेटफाॅर्म के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा. रजिस्ट्रेशन के समय संस्था के प्राचार्य का संस्तुति पत्र अथवा संस्था का आईकार्ड अपलोड करना अनिवार्य है.
एआइएसएचइ 2020 के डाटा के अनुसार कुल शिक्षक: 15.01 लाख
यूनिवर्सिटी टीचर: 2.14 लाख
कॉलेज टीचर: 11.3 लाख
अन्य: 1.57 लाख
प्रवेश व रजिस्ट्रेशन पोर्टल का लिंक– https://ignou nep-pdp.samarth.ac.in/