Bihar Upchunav 2022: बिहार के मोकामा और गोपालगंज विधानसभा उप चुनाव के लिए मंगलवार की शाम प्रचार का शोर थम जायेगा. दोनों ही जगहों पर तीन नवंबर को मतदान होगा. जदयू के भाजपा से अलग होने के बाद यह पहला चुनाव है. छह नवंबर को चुनाव परिणाम के साथ ही जनता के बीच महागठबंधन और भाजपा की जमीनी ताकत का अंदाजा लग पायेगा.
मोकामा में जहां राजद की नीलम देवी और भाजपा की सोनम देवी के बीच कांटे की टक्कर है, वहीं गोपालगंज विधानसभा उप चुनाव में राजद के मोहन गुप्ता और भाजपा की कुसुम देवी के बीच सीधा मुकाबला है. वहीं बसपा के टिकट पर पूर्व सांसद साधु यादव की पत्नी इंदिरा देवी मुकाबले को त्रिकोणात्मक बनाने की कोशिश कर रही हैं.
मोकामा में राजद के पूर्व विधायक अनंत प्रसाद सिंह की पत्नी नीलम देवी को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है. राजद उम्मीदवार के पक्ष में जदयू, कांग्रेससमेत वाम दलों के नेता भी प्रचार कर रहे हैं. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने यहां कई चुनावी सभाओं को संबोधित किया है. राजद ने अपने सभी मत्रियों को चुनाव कंपेन में उतार दिया है. दूसरी ओर मोकामा की सीट पर कब्जा के लिए भाजपा भी पूरी कोशिश कर रही है.
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भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओं का जमावड़ा लगा है. मोकामा में दोनों ही उम्मीदवार एक ही जाति के हैं. ऐसे में भूमिहार मतदाताओं के बीच विभाजन की स्थिति बनती दिख रही है. ऐसी स्थिति में अति पिछड़ी और पिछड़ी जातियों के वोट निर्णायक साबित होने वाले हैं. नीलम देवी के पति अनंत सिह जेल में बंद हैं. जबकि सोनम देवी के पक्ष में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने मोर्चा संभाला है.
दूसरी ओर गोपालगंज में भाजपा की कुसुम देवी को सहानुभूति वोट की आस है. उनके पति पर्व मंत्री सुबास सिंह की मौत हो जाने से यह सीट खाली हुई है. भाजपा ने कुसुम देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है. कुसुम देवी के पक्ष में भाजपा के दिग्गज नेताओं का चुनाव प्रचार हो चुका है.
गोपालगंज में राजद उम्मीदवार के पक्ष में राजद के माय समीकरण के अलावा उम्मीदवार के स्वजातीय वोटरों के भी गोलबंदी की कोशिश हो रही है. वहीं भाजपा को अपने पारंपरिक मतदाताओं पर भरोसा है. भाजपा यहां से 2005 से चुनाव जीतती आयी है.
Posted By: Thakur Shaktilochan